संजीवनी लेकर उड़ा भारतीय ड्रोन

Last Updated 28 Nov 2021 03:46:15 AM IST

जम्मू कश्मीर में आजकल ड्रोन का जिक्र आते ही दिमाग सीधा पाकिस्तान की कुत्सित चालों की ओर चला जाता है।


पीएमओ में राज्यमंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह

दरअसल, पाकिस्तान एक लंबे अरसे से अपनी दिशा से ड्रोन के जरिए हथियारों तथा मादक पदार्थों की यहां तस्करी करने में जुटा है। लेकिन जम्मू में अब एक ऐसे ड्रोन का ट्रायल हुआ है, जो कोविड 19 की 500 वैक्सीन लेकर जम्मू के नहर इलाके स्थित आईआईआईएम से जम्मू के बाहरी इलाके मढ़ स्थित जिला उप अस्पताल में आसानी से पहुंच गया। इन दोनों स्थानों के बीच सड़क मार्ग से करीब 18 से 20 किमी की दूरी है। यह दूरी ड्रोन के जरिए करीब 20 मिनट में पूरी की गई।

देश में पहली बार पूर्णत: स्वदेशी बने इस ड्रोन की लांचिंग पीएमओ में राज्यमंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने की। डॉ. जितेन्द्र सिंह केन्द्रीय साइंस एंड टेक्नोलॉजी तथा अर्थ साइंस के भी स्वतंत्र प्रभार मंत्री हैं। इस मौके पर काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल (सीएसआईआर) नई दिल्ली के डॉ. शेखर सी मांडे भी मौजूद थे।

डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि पाकिस्तान अपने ड्रोन्स के जरिए मानव जाति का नुकसान करने पर तुला है, क्योंकि वह अपने ड्रोन्स के जरिए भारत में विशेषकर जम्मू-कश्मीर में गोला-बारूद, हथियार तथा ड्रग्स भेज रहा है, लेकिन हमारा ड्रोन दूरदराज के दुर्गम इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए एक संजीवनी लेकर आया है। इसका शनिवार को जम्मू में ट्रायल  करते वक्त डॉ. जितेन्द्र सिंह ने यह भी कहा कि यह एक शांति दूत से कम नहीं है।

गौरतलब है कि पाकिस्तान चीन निर्मित ड्रोन का इस्तेमाल कर नार्को टेररिज्म तथा आतंकवाद को बढ़ावा देने में लगा है। भारत में बने इस ड्रोन को कोविड वॉरियर भी कहा गया है। डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि इसका जन्म बेंगलुरू में वैज्ञानिकों ने किया है। आज के इस प्रयोग के सफल होने के बाद पीपीपी सेक्टर में इसके निर्माण को बढ़ाया जाएगा ताकि न केवल जम्मू-कश्मीर के दुर्गम पहाड़ी इलाकों, बल्कि हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड व पूर्वोत्तर के दुर्गम पहाड़ी राज्यों में भी इस ड्रोन के जरिए जीवनरक्षक दवाओं को भेजा जा सके।

इस अवसर पर मौजूद बेंगलुरू के वैज्ञानिकों ने बताया कि यह ड्रोन 20 किलोग्राम भार ले जाने की क्षमता रखता है। बैटरी से चलने वाले आठ इंजनों से यह चलता है। उन्होंने यह भी बताया कि यह तीन किलोमीटर की ऊंचाई तक उड़ सकता है और इसमें जीपीएस सिस्टम भी लगा है। इसको उड़ाने से पहले डीजीसीए तथा एटीसी की अनुमति लेनी जरूरी है। जब 500 वैक्सीन को ट्रायल ड्रोन से आईआईआईएम से उड़ाया गया तो नजारा देखते ही बन रहा था। यहां लगी बड़ी स्क्रीन पर मढ़ के उप जिला अस्पताल में ड्रोन की लैंडिंग भी साफ-साफ दिखाई दे रही थी। यह लैंडिंग अस्पताल की छत पर हुई। उस वक्त वहां मौजूद डॉक्टर भी रोमांचित दिखाई दे रहे थे। इस कार्यक्रम में जम्मू पुंछ के सांसद जुगल किशोर शर्मा तथा मढ़ से पूर्व विधायक एवं पूर्व मंत्री सुख नंदन चौधरी तथा जम्मू के तमाम प्रमुख डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ मौजूद था।

सतीश वर्मा/सहारा न्यूज ब्यूरो
जम्मू


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