ईडी, सीबीआई प्रमुखों का कार्यकाल बढ़ाने को केंद्र ने FR में संशोधन किया
केंद्र ने सीबीआई और ईडी निदेशकों के कार्यकाल को विस्तार देने और सेवाकालीन लाभ के संबंध में सोमवार को मूल नियमावली (एफआर) में संशोधन किया।
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केंद्र द्वारा यह कदम उन अध्यादेशों को लागू करने के एक दिन बाद आया है, जिसने इसे मौजूदा दो वर्षों के मुकाबले सीबीआई और ईडी प्रमुखों के कार्यकाल को पांच साल तक बढ़ाने का अधिकार दिया है।
विपक्षी दलों द्वारा अध्यादेशों की आलोचना किए जाने के बीच तृणमूल कांग्रेस ने इसे निर्वाचित तानाशाही करार दिया है।
मूल नियमावली सभी सरकारी कर्मचारियों पर लागू होने वाले मार्गदर्शक सिद्धांत हैं, जिसमें उनके सेवाकालीन और सेवानिवृत्ति के बाद के कार्य परिदृश्यों के सभी पहलू शामिल रहते हैं।
एफआर के तहत कैबिनेट सचिव, बजट से संबंधित काम से जुड़े लोगों, प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों, आईबी और रॉ प्रमुखों के अलावा सीबीआई निदेशक सहित कुछ अन्य को छोड़कर 60 साल की सेवानिवृत्ति की आयु से परे किसी भी सरकारी कर्मचारी की सेवा में विस्तार पर रोक होती है।
कार्यकाल विस्तार भी सशर्त होता है। कार्मिक मंत्रालय की अधिसूचना के मुताबिक, संशोधित नियम अब केंद्र सरकार को रक्षा सचिव, गृह सचिव, खुफिया ब्यूरो (आईबी) के निदेशक, रॉ के सचिव और ईडी व सीबीआई के निदेशकों को मामले-दर-मामले आधार पर जनहित में विस्तार देने की अनुमति देते हैं।
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