आजाद जैसे वरिष्ठ नेता को कांग्रेस की ओर से निशाना बनाया जाना दुखद: भाजपा

Last Updated 02 Mar 2021 06:11:49 PM IST

भाजपा ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के बीच चल रही जुबानी जंग के मद्देनजर मंगलवार को विपक्षी दल पर यह कहते हुए निशाना साधा कि उसकी विचारधारा सिर्फ गांधी परिवार की ‘महत्वकांक्षा’ की पूर्ति करना है और जो कोई उसके खिलाफ बोलता है या प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘‘सही’’ कदमों का साथ देता है तो उसे निशाना बनाया जाता है।


कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद एवं भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा।

भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कांग्रेस हर उस व्यक्ति को निशाना बनाएगी जो पार्टी के अंदर लोकतंत्र की बात करेगा, अध्यक्ष पद का चुनाव चाहेगा, विकास की राजनीति का समर्थन करेगा या फिर प्रधानमंत्री के सही एजेंडे के साथ खड़ा होगा।
पात्रा ने कांग्रेस के जी-23 नेताओं द्वारा पार्टी के संगठनात्मक ढांचे में बदलाव की वकालत को उसका अंदरूनी मामला बताया और कहा कि दुख तब होता है जब गुलाम नबी आजाद जैसे वरिष्ठ नेताओं को निशाना बनाया जाता है।
उन्होंने कहा कि भाजपा और कांग्रेस के बीच बुनियादी अंतर है कि कांग्रेस में परिवार ही पार्टी है और भाजपा के लिए पार्टी ही परिवार है।
उन्होंने कहा, ‘‘दुख की बात है कि गुलाम नबी आजाद जैसे वरिष्ठ नेता और अन्य नेता देश के बारे में बोलते हैं, देश के विकास के बारे में बोलते हैं, सही बोलते हैं तो उनकी अपनी ही पार्टी के लोग उनको अलग करने लगते हैं।’’
उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति इतने लंबे समय तक अपनी पार्टी के साथ खड़े रहा आज उनकी पार्टी ही उन्हें निशाना बना रही है।

ज्ञात हो कि जम्मू में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आजाद का आज पुलता फूंका और उन पर अपने ‘‘निजी हितों’’ की खातिर पार्टी को कमजोर करने के लिए भाजपा के इशारे पर कांग्रेस के खिलाफ षड्यंत्र रचने का आरोप लगाया।
इन कांग्रेस कार्यकर्ताओं, विशेषकर युवा कार्यकर्ताओं ने आजाद को पार्टी से निकाले जाने की मांग की। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ अपनी तरह का यह पहला प्रदर्शन ऐसे समय में किया गया है, जब आजाद का राज्यसभा सदस्य के तौर पर कार्यकाल पूरा होने पर उन्हें सम्मानित करने के लिए कुछ ‘जी-23’ नेताओं ने हाल में एक रैली को संबोधित किया था। ऐसा माना जा रहा है कि यह आयोजन पार्टी नेतृत्व को संदेश देने के लिए अपनी ताकत दिखाने का तरीका था।
कांगेस के 23 नेताओं ने पिछले साल अगस्त में कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी को पत्र लिखा था और पार्टी में संगठनात्मक बदलाव करने के साथ ही पूर्णकालिक पार्टी अध्यक्ष की मांग की थी। तभी से इन नेताओं के समूह को ‘जी-23’ भी कहा जाता है।
उन्होंने कहा कि आजाद के खिलाफ जो सड़कों पर प्रदर्शन हो रहा है उसका कारण कांग्रेस के भीतर असहिष्णुता की राजनीति है।
उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस पार्टी में सहिष्णुता नहीं है। वह एक असहिष्णु पार्टी के रूप में उभरी है।’’
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका वाड्रा और उनके पति रॉबर्ट वाड्रा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस अब चार नेताओं तक ही सीमित रह गई है।
उन्होंने कहा कि इनका एकमात्र एजेंडा मोदी से ‘‘घृणा’’ करना है।
राहुल गांधी को ‘‘खाली मिसाइल’’ करार देते हुए भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ता अपने ही उन नेताओं के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं जिन्होंने मोदी के अच्छे कार्यों की सराहना की।
भाजपा नेता ने पश्चिम बंगाल में मुस्लिम धर्मगुरु अब्बास सिद्दिकी के नेतृत्व वाले इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) के साथ गठबंधन को लेकर भी कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा कि विपक्षी दल का न कोई ईमान है और न कोई विचारधारा।
भाजपा ने गठबधंन को लेकर कांग्रेस में मचे घमासान पर चुटकी भी ली और दावा किया कि वह चाहे कितने भी गठबंधन कर ले उसका ‘‘डूब चुका जहाज’’ अब बचने वाला नहीं है।     पात्रा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस का ना कोई ईमान है और ना ही विचारधारा बल्कि भ्रष्टाचार, परिवारवाद और जाति तथा धर्म के नाम पर लोगों को बांटना ही उसकी विचारधारा है।
पात्रा ने कहा कि आज कांग्रेस अपनी प्रसांगिकता को बनाएं रखने के लिए गठबंधन पर निर्भर है और ठीक ऐसा ही एक गठबंधन की प्रक्रिया कांग्रेस पार्टी बंगाल में कर रहा है।     उन्होंने कहा, ‘‘जो कांग्रेस अपने को धर्मनरिपेक्ष बताती है, वही कांग्रेस बंगाल में आईएसएफ के साथ गठबंधन करती है। केरल में मुस्लिम लीग के साथ गठबंधन करती है, जमात-ए-इस्लामी के अग्रिम संगठन के साथ गठबंधन करती है। असम में बदरुद्दीन अजमल की पार्टी एआईयूडीएफ के साथ गठबंधन करती है। और महाराष्ट्र में शिव सेना के साथ उसने हाथ मिला रखा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कोई ईमान नहीं..कोई विचारधारा नहीं। भ्रष्टाचार ही कांग्रेस की विचारधारा है। परिवारवाद को बढावा देना ही कांग्रेस की विचारधारा है। जातिवाद ही कांग्रेस की विचारधारा है। जाति और धर्म के नाम पर लोगों को बांटना और धर्म के नाम पर लोगों को बांटना ही कांग्रेस की विचारधारा है।’’
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि ये गठबंधन केवल इसलिए किये कि किसी प्रकार गांधी परिवार अपनी राजनीतिक प्रासंगिकता बनाएं रखें।
उन्होंने कहा कि आईएसफ के साथ गठबंधन करने को लेकर कांग्रेस के अंदर ही घमासान मचा हुआ है और विपक्षी पार्टी के नेता ही सवाल उठा रहे हैं कि क्या यही महात्मा गांधी वाली धर्मनरिपेक्षता है।
पात्रा ने कहा, ‘‘पराकाष्ठा देखिए। बंगाल में वामपंथी दलों के साथ लड़ेंगे और केरल में खिलाफ लड़ेंगे। ये कैसी विडंबना है। इनका उद्देश्य केवल एक है। किसी भी प्रकार, किसी का भी साथ लेकर सत्ता हासिल करना।’’
ज्ञात हो कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने पश्चिम बंगाल में आईएसएफ के साथ पार्टी के गठजोड़ की आलोचना करते हुए सोमवार को कहा था कि यह पार्टी की मूल विचारधारा तथा गांधीवादी और नेहरूवादी धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ है।

भाषा
नई दिल्ली


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