कांग्रेस ने ‘‘सत्ता की लालसा’’ में अजमल से हाथ मिलाया : अमित शाह

Last Updated 25 Feb 2021 07:37:19 PM IST

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बृहस्पतिवार को कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि उसने असम में ‘‘सत्ता की लालसा’’ में बदरुद्दीन अजमल के एआईयूडीएफ से हाथ मिलाया है।


केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (file photo)

शाह ने 15-16वीं सदी के संत श्रीमंत शंकरदेव के जन्मस्थल बोरदुवा में एक जनसभा में कहा कि राज्य में सत्ता प्राप्ति का कांग्रेस का ‘‘लालच’’ पूरा नहीं होगा और भाजपा असमी पहचान की प्रतीक अपनी सहयोगी असम गण परिषद के साथ विधानसभा चुनाव में दो-तिहाई बहुमत से जीत दर्ज करेगी।
उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस अजमल के साथ हाथ मिलाकर सुरक्षा उपलब्ध कराने की बात करती है। यह केवल सत्ता की लालसा की वजह से है कि उसने अजमल से हाथ मिलाया है।’’
शाह ने असम से राज्यसभा सदस्य मनमोहन सिंह का संदर्भ देते हुए कहा, ‘‘कांग्रेस ने राज्य से निर्वाचित प्रधानमंत्री होने के बावजूद असम को हिंसा और घुसपैठ से मुक्त कराने के लिए कुछ भी नहीं किया।’’
लोकसभा सदस्य अजमल के ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) का बंगाली भाषा बोलने वाले असमी मुसलमानों में खासा प्रभाव है। असम के लिए केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गईं विभिन्न योजनाओं का जिक्र करते हुए शाह ने कहा कि लोग सात साल में भाजपा सरकार द्वारा किए गए कायरें और कांग्रेस सरकारों द्वारा 70 साल में किए गए कायरें की राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव में तुलना करेंगे।

शाह ने आरोप लगाया कि संशोधित नागरिकता कानून विरोधी प्रदर्शनों के मद्देनजर बने दल कांग्रेस की मदद कर रहे हैं जिसने विदेशियों के खिलाफ असम आंदोलन को दबाने के लिए गोलियां चलाईं।
उन्होंने कहा कि ये दल इसलिए बनाए गए हैं, ताकि वे भाजपा के वोट काट सकें और कांग्रेस की मदद कर सकें, लेकिन वे सफल नहीं होंगे।
केंद्रीय गृह मंत्री ने आरोप लगाया कि राज्य में कांग्रेस के नेता चुनाव के दौरान ही दिखते हैं और बाद में वे निहित स्वार्थ साधने के लिए नई दिल्ली में सत्ता के गलियारों में चक्कर लगाने में व्यस्त हो जाते हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी असम तथा पूर्वोत्तर के विकास के लिए सबकुछ करेंगे और इसी वजह से प्रधानमंत्री ने पिछले पांच साल में कम से कम 35 बार पूर्वोत्तर के विभिन्न राज्यों का दौरा किया है।
शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री क्षेत्र को प्रगति के पथ पर आगे ले जाना चाहते हैं तथा इसे भ्रष्टाचार, हिंसा और घुसपैठ से मुक्त बनाना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि जो कांग्रेस अब असमी पहचान बहाल करने की बात कर रही है, उसने एक सींग वाले गेंडों को बचाने के लिए कुछ नहीं किया जो असम की पहचान से जुड़े हैं।
शाह ने कहा कि मोदी असम को बार-बार की बाढ से मुक्ति दिलाना चाहते हैं जिससे हर साल बड़े पैमाने पर नुकसान और विस्थापन होता है।
उन्होंने कहा, ‘‘उपग्रह से ली गईं तस्वीरों की मदद से पानी का रुख मोड़कर तालाब बनाने के लिए स्थानों की पहचान की जाएगी। मैं असम के लोगों से अपील करता हूं कि असम में एक बार फिर भाजपा की सरकार बनाएं और मैं आपको आासन देता हूं कि अगले पांच साल में हम राज्य को वाषिर्क बाढ की समस्या से मुक्त कर देंगे।’’
गृह मंत्री ने श्रीमंत शंकरदेव की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने 500 साल से अधिक समय पहले असम को शेष देश से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी जिसकी वजह से महात्मा गांधी ने टिप्पणी की थी कि वही वह व्यक्ति थे जिन्होंने राज्य में ‘राम राज्य’ की शुरुआत की। ‘‘उनकी यह प्रेरक भावना पुनर्जिवित की जायेगी।’’
उन्होंने कहा कि कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकारों ने देश के अन्य हिस्सों तथा विश्व में संत के संदेश को पहुंचाने के लिए कुछ नहीं किया।
नगांव की प्रसिद्ध हस्तियों के योगदान को याद करते हुए शाह ने कहा कि यह असम के प्रथम मुख्यमंत्री गोपीनाथ बोरदोलोई की धरती है जिन्होंने राज्य को देश का हिस्सा बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उन्होंने कहा कि यह अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी हिमा दास तथा लोकप्रिय गायक पापोन तथा कई स्वतंत्रता सेनानियों की धरती है।
शाह ने लोगों से कहा कि यह भाजपा की सरकार है जिसने असम के गायक एवं कवि भूपेन हजारिका को भारत रत्न और कांग्रेस से जुड़े मुख्यमंत्री दिवंगत तरुण गोगोई को पद्म भूषण से सम्मानित किया।
गृह मंत्री ने शंकरदेव से जुड़े वैष्ण्व मठ बताद्रवा थान का भी दौरा किया जहां उन्होंने सरकार की सौंदर्यीकरण पहल की औपचारिक रूप से शुरुआत की।
आठ हजार वैष्ण्व प्रार्थना हॉल ‘नामघरों’ को ढाई-ढाई लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करने पर असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल तथा वित्त मंत्री हिमंत बिस्व सरमा की सराहना करते हुए शाह ने सुझाव दिया कि उन्हें मौजूदा कार्यकाल के शेष दिनों में इस लाभ को इस तरह के 17,000 और प्रतिष्ठानों तक विस्तारित करना चाहिए।
शाह ने पिछले साल 26 दिसंबर को अपने गुवाहाटी दौरे के दौरान बोरदुवा में बताद्रवा थान के सौंदर्यीकरण की रिमोट के माध्यम से आधारशिला रखी थी।
थान का विकास कला, संस्कृति, अनुसंधान एवं आध्यात्मिक केंद्र के रूप में किया जा रहा है।

भाषा
बोरदुवा


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