किसानों को मनाने की कोशिशें तेज, चौथे दौर की वार्ता आज, किसानों ने बढ़ाया दबाव, बोले संसद सत्र बुलाकर रद्द करो कानून

Last Updated 03 Dec 2020 05:01:40 AM IST

केंद्र और प्रदर्शकारी किसानों के प्रतिनिधियों के बीच दूसरे चरण की बातचीत से पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रेल मंत्री पीयूष गोयल के साथ बैठक कर नए कृषि कानूनों से जुड़ी चिंताओं को दूर करने के उपायों पर चर्चा की।


किसान आंदोलन

चौथे दौर की वार्ता बृहस्पतिवार को होगी। बातचीत में 32 किसान संगठनों के नेता हिस्सा लेंगे। इससे पहले सुबह पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और गृह मंत्री अमित शाह के साथ एक बैठक प्रस्तावित है।

इस बीच किसान बुधवार को भी नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े रहे और उन्होंने इसके लिए उन्होंने संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है। किसानों के अड़ियल रवैए को देखते हुए राजधानी में कई और बार्डरों को सील कर दिया गया। इससे जाम की समस्या और बढ़ गई तथा राजधानीवासियों को ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ा। ट्रांसपोर्टरों के भी किसानों के समर्थन आने से संकट और बढ़ गया है। सरकार ने 8 दिसम्बर तक किसानों की मांगें नहीं मानी तो देशभर के 95 लाख ट्रक चक्काजाम कर देंगे।

किसानों ने कहा, संसद का विशेष सत्र बुलाया जाए : किसानों ने नए कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है। किसानों ने कहा है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गयीं तो राष्ट्रीय राजधानी की और सड़कों को अवरुद्ध किया जाएगा। संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए किसान नेता दर्शन पाल ने आरोप लगाया कि केंद्र किसान संगठनों में फूट डालने का काम कर रहा है, लेकिन ऐसा नहीं हो पाएगा। प्रदर्शनकारी किसान तीनों कृषि कानूनों को वापस लिए जाने तक अपना आंदोलन जारी रखेंगे। संवाददाता सम्मेलन के पहले करीब 32 किसान संगठनों के नेताओं ने सिंघु बॉर्डर पर बैठक की जिसमें भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत भी शामिल हुए।

सातवें दिन भी बार्डर पर डटे रहे किसान : नए कृषि कानूनों के विरोध में पंजाब-हरियाणा समेत देश के दूसरे राज्यों से आए किसान सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बार्डर पर सातवें दिन भी डटे रहे। बुधवार को भी इन तीनों ही बार्डरों पर किसानों की संख्या में बढ़ोतरी देखी गई। किसानों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है। बुधवार को गाजीपुर बॉर्डर व यूपी गेट पर बड़ी संख्या में किसान बुग्गी पर सवार होकर पहुंचे।

और बार्डर भी सील किए गए : दिल्ली पुलिस ने राजधानी की सुरक्षा-व्यवस्था को और चुस्त-दुरस्त कर दिया है। साथ ही झड़ौदा, झरीकटा, औचंदी, लामपुर, गाजीपुर, सिंघु, टिकरी, चिल्ला, बॉर्डरों को सील कर दिया।

कांग्रेस ने भी की संसद सत्र बुलाने की मांग : किसानों के विरोध प्रदर्शन के बीच कांग्रेस ने भी केंद्र से संसद का शीतकालीन सत्र बुलाने के लिए कहा। कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने ट्वीट किया, ‘किसानों ने दिल्ली को घेर लिया है, अर्थव्यवस्था आधिकारिक तौर पर मंदी में है सरकार को बिना देरी किए संसद का शीतकालीन सत्र आयोजित करने की जरूरत है।

समर्थन में उतरे ट्रक आपरेटर भी
 केंद्र सरकार के कृषि कानून के विरोध में उतरे किसानों के समर्थन में देश के ट्रक ऑपरेटर भी आ गए हैं। उन्होंने कहा है कि सरकार ने आठ दिसम्बर तक अगर किसानों की मांगें नहीं मानी तो देश भर के 95 लाख ट्रक चक्काजाम कर देंगे।
यह घोषणा ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के अध्यक्ष कुलतारन सिंह अटवाल ने की है। उन्होंने कहा कि अन्नदाता अपनी जायज मांगों को लेकर सड़कों पर है। सरकार उनकी सुध लेने को तैयार नहीं है। लिहाजा उन्हें अपनी मांगों के लिए दिल्ली कूच करना पड़ा है।  इस संगठन के तहत 95 लाख ट्रक और 50 लाख बसें, टूरिस्ट टैक्सी, ऑटो और मैक्सी कैब ऑपरेटर आते हैं। पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर से खाद्य पदार्थ, सब्जियों और अन्य खराब होने वाले सामान के न आ पाने से हजारों ट्रक आपरेटर भी प्रभावित हुए हैं। 65% ट्रक कृषि उपज को ले जाने में लगे हुए हैं।

सहारा न्यूज ब्यूरो/एजेंसियां
नई दिल्ली


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