किसानों के तेवर और कड़े, गतिरोध जारी, आंदोलनकारी बोले, लड़ाई निर्णायक
नए कृषि कानूनों के विरोध में पंजाब-हरियाणा समेत देश के दूसरे राज्यों से आए किसान सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बार्डर लगातार पांचवे दिन भी डटे रहे।
![]() सिंघु बार्डर पर नए कृषि बिलों को लेकर प्रदर्शन करते आंदोलनकारी किसान। |
किसानों का कहना है कि हम लोग यहां निर्णायक लड़ाई के लिए आए हैं। यदि उनकी मांगे नहीं मानी गई तो वह दिल्ली को जाम कर देंगे। तीनों ही बार्डर पर धीरे-धीरे किसानों की संख्या बढ़ रही है। किसानों के अड़ियल रवैये को देखते हुए सोमवार को राजधानी की सुरक्षा-व्यवस्था को और चुस्त कर दिया गया। दिल्ली पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि लगभग पूरी राजधानी में ही हाईअलर्ट जारी है।
गाजीपुर बार्डर पर किसानों ने रविवार रात को एक और सोमवार सुबह दो बार बेरिकेड तोड़कर राजधानी में घुसने का प्रयास किया, लेकिन सुरक्षा बलों ने उनको वापस कर दिया। एहतियात के तौर पर दिल्ली पुलिस ने बार्डर पर जर्सी बैरियर (कंक्रीट के बेरिकेड) लगा दिए हैं। वहीं बार्डर पर मौजूद भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने दिल्ली में धारा-144 के बदले धारा-288 लगने की बात कही। उनका कहना था कि वह 3 दिसंबर का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
उधर, बुराड़ी के निरंकारी ग्राउंड में मौजूद किसानों ने पुलिस पर बंधक बनाने का आरोप लगाया है। किसानों का कहना है कि उनको निरंकारी ग्राउंड से बाहर नहीं जाने दिया जा रहा है। वह अब सिंघु बार्डर या टिकरी बार्डर जाना चाहते हैं, लेकिन पुलिस उनको यहां से निकलने नहीं दे रही है। किसानों का कहना है कि यदि उनको यहां बंधक बनाकर रखा गया तो वह भूख हड़ताल कर देंगे। दूसरी ओर पुलिस अफसरों का कहना है कि किसानों को बंधक नहीं बनाया गया है। उनसे गुजारिश की जा रही है कि आप यहां प्रदर्शन कीजिए।
अमरिंदर बोले, किसानों की सुने केंद्र : पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने सोमवार को केंद्र सरकार से पूछा कि वह आखिर इस मुद्दे पर क्यों अड़ी हुई है और किसानों की बात क्यों नहीं सुन रही है।
| Tweet![]() |