चुनाव आयोग नहीं तय कर सकता स्टार प्रचारक

Last Updated 03 Nov 2020 04:45:55 AM IST

कांग्रेस नेता कमलनाथ का स्टार प्रचारक का दर्जा छीनने पर सुप्रीम कोर्ट ने निर्वाचन आयोग के खिलाफ तीखी टिप्पणी की।


चुनाव आयोग नहीं तय कर सकता स्टार प्रचारक

निर्वाचन आयोग के 30 अक्टूबर के आदेश पर रोक लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी नेता को स्टार प्रचारक की सूची से हटाने का अधिकार निर्वाचन आयोग को किसने दिया। निर्वाचन आयोग ने अपने अधिकारों का गलत इस्तेमाल किया।
चीफ जस्टिस शरद अरविंद बोबडे, जस्टिस एएस बोपन्ना और वी. रामासुब्रमण्यन की बेंच ने कमलनाथ की याचिका पर सुनवाई के दौरान निर्वाचन आयोग की खिंचाई की। निर्वाचन आयोग की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश द्विवेदी ने कहा कि मध्य-प्रदेश की 28 विधान सभा सीटों पर तीन नवम्बर को होने वाले चुनाव के लिए प्रचार समाप्त हो गया है। लिहाजा यह याचिका निर्थक हो गई है, लेकिन बेंच ने कहा कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 77 के तहत निर्वाचन आयोग राजनीतिक दल के किसी भी नेता को स्टार प्रचारक की सूची से नहीं हटा सकता। चुनाव आयोग को इस तरह का अधिकार नहीं है।

स्टार प्रचारक कौन होगा या पार्टी का नेता कौन होगा, यह तय करना निर्वाचन आयोग का काम नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने निर्वाचन आयोग के 30 अक्टूबर के आदेश पर स्टे दे दिया। आयोग को नोटिस भी जारी किया। निर्वाचन आयोग के वकील ने स्टे का विरोध किया, लेकिन अदालत ने उनके अनुरोध ठुकरा दिया। अदालत ने कहा कि निर्वाचन आयोग को कमलनाथ की याचिका का जवाब देना होगा। कमलनाथ की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि आयोग का आदेश मनमानीपूर्ण है। स्टार प्रचारक का दर्जा छीनने के खिलाफ मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। कांग्रेस नेता ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि भाजपा नेता उन्हें मेंढक और सांप बता रहे हैं। उनके खिलाफ निर्वाचन आयोग ने कोई  कार्रवाई नहीं की, जबकि उनके विरुद्ध बिना नोटिस दिए दोबारा कार्रवाई की गई।

सहारा न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली


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