भारत-अमेरिका में रक्षा समझौता
भारत और अमेरिका ने एक महत्वपूर्ण रक्षा समझौते बीईसीए (बेका) पर हस्ताक्षर किए जिसमें अत्याधुनिक सैन्य प्रौद्योगिकी, उपग्रह के गोपनीय डाटा और दोनों देशों की सेनाओं के बीच अहम सूचना साझा करने की अनुमति होगी।
![]() समझौते के बाद दोनों देशों के विदेश मंत्री व रक्षा मंत्री। |
पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर पिछले पांच महीने से चले आ रहे सैन्य गतिरोध के मद्देनजर इस समझौते को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस समझौते से भारतीय नौसेना को भी हिन्द महासागर में चीनी नौसेना की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने में मदद मिलेगी।
समझौते पर हस्ताक्षर के दौरान अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो तथा रक्षा मंत्री मार्क एस्पर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तथा विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर मौजूद थे। इससे पहले जयशंकर और सिंह ने पोम्पिओ और एस्पर के साथ तीसरे चरण की ‘टू प्लस टू’ वार्ता की। रक्षा मंत्री राजनाथ ने अमेरिका के साथ बेका समझौते को महत्वपूर्ण उपलब्धि करार देते हुए कहा कि वर्ष 2016 में लेमोआ और 2018 में कोमकासा समझौतों पर हस्ताक्षर के बाद यह समझौता इस दिशा में बड़ा कदम है। पिछले करीब दो दशकों में बेका, दोनों देशों के बीच चौथा रक्षा सहयोग समझौता है। इस समझौते के तहत भारत को अमेरिकी उपग्रहों से सटीक आंकड़े और फोटो मिलना शुरू हो जाएंगे। दोनों देश मानचित्रों, नॉटिकल और एरोनॉटिकल चाटरें, जियो फिजिकल और जियो मेगनेटिक आंकड़ों का आदान-प्रदान कर सकेंगे।
मोदी से मिले पोम्पियो व एस्पर
अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो और रक्षा मंत्री मार्क टी एस्पर ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। विदेश मंत्री एस जयशंकर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और भारत में अमेरिका के राजदूत केन जस्टर भी इस दौरान उपस्थित थे।
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