ममता ने 2021 विस चुनाव में बिमल गुरंग का तृणमूल कांग्रेस को समर्थन का स्वागत किया

Last Updated 22 Oct 2020 04:24:20 PM IST

गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) नेता बिमल गुरंग के पश्चिम बंगाल में 2021 में होने वाले विधानसभा चुनाव में बुधवार को तृणमूल कांग्रेस को समर्थन की घोषणा करने पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उनका स्वागत किया और कहा भारतीय जनता पार्टी के साथ नाता तोड़ने से भगवा ब्रिगेड को चुनाव से पहले ‘‘पावर पॉलिटिक्स’’ के लिए इस समझौते से करारा झटका लगा है।


मुख्यमंत्री ममता बनर्जी

गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) अध्यक्ष गुरंग ने आज शहर में थे और उन्होंने घोषणा की कि उनकी पार्टी 2021 में ममता बनर्जी की सरकार को तीसरी बार सत्ता में वापस देखना चाहती है। जीजे एम अध्यक्ष जो तीन साल से फरार चल रहे थे और उन पर दार्जिलिंग में 2017 के आंदोलन के दौरान पुलिसकर्मियों पर कथित जानलेवा हमले सहित कई आरोप हैं और अभी तक गिरफ्तारी से बचे हुए थे। श्री गुरंग ने हालांकि कहा वह दार्जिलिंग जिले में अलग गोरखा राज्य के लिए अपनी मांग को नहीं छोड़ेगे।

सुश्री बनर्जी ने कहा, ‘‘ममता और उनके अधिकारियों के नेतृत्व में विास कायम करते हुए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से हटने के शांति पूर्ण निर्णय के लिए हम बिमल गुरुंग की प्रतिबद्धता का स्वागत करते हैं।’’ सुश्री बनर्जी तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष भी हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा के गोरखालैंड मुद्दे पर तुच्छ राजनीति और उनकी विसनीयता की अब बंगाल के लोगों के सामने पूरी तरह से कलई खुल गयी है। उन्होंने कहा कि हमें विास है कि राजनीतिक पार्टियों और जीटीए के साथ नागरिक समाज सहित पर्वतीय इलाकों के सभी हितधारक अपनी मातृभूमि की शांति और समृद्धि के लिए हमारे साथ मिलकर काम करेंगे।

इस बीच भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि गुरंग का यू-टर्न अवसरवाद की राजनीति को दर्शाता है जो चुनाव से पहले अपने अस्तित्व के लिए दार्जिलिंग के लोगों के साथ धोखा देना है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने कभी भी गोरखालैंड अलग राज्य के लिए प्रतिबद्ध नहीं जतायी और हमेशा इस समस्या का समाधान करके लोगों के कल्याण के लिए प्रयास किया है। लेकिन सभी लंबित मुद्दों को हल करने के लिए हर बार तृणमूल सरकार केंद्र के बढ़ते कदम के आड़े आयी है।

श्री घोष ने कहा कि ममता बनर्जी सरकार अपने विरोधियों के खिलाफ अपनी सत्ता का इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने झारग्राम में छात्रोधार महतो के साथ भी यही किया था जो इसका ज्वलंत उदाहरण था और अब जीजेएम नेताओं को अपनी मुट्ठी में करने के लिए दार्जिलिंग में भी  वह इसी तरीके का इस्तेमाल कर रही हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा ने

वार्ता
कोलकाता


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