भूमि अधिग्रहण मामला: संविधान पीठ के फैसले में स्पष्टीकरण की जरूरत
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि भूमि अधिग्रहण और उचित मुआवजे के भुगतान के मुद्दे पर पांच सदस्यीय संविधान पीठ के निर्णय में कुछ स्पष्टता की आवश्यकता है क्योंकि इससे भ्रम पैदा हो रहा है।
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प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे, न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमणियन की तीन सदस्यीय पीठ ने टिप्पणी की कि कुछ सवाल हैं जिन पर विचार की जरूरत है।
प्रधान न्यायाधीश ने कहा, मेरे दिमाग में कुछ सवाल हैं। मैं इन पर अपने सहयोगी न्यायाधीशों के साथ चर्चा करना चाहता हूं। मैं समझता हूं कि संविधान पीठ का फैसला भ्रम पैदा करता है। पीठ ने कहा, मान लीजिए कि एक ऐसी संपत्ति है, जिसे सरकार ने अपने कब्जे में नहीं लिया है और मुआवजा भी नहीं दिया है, ऐसी स्थिति में अधिग्रहण खत्म हो जाएगा।
पीठ ने कहा, पांच न्यायाधीशों का कहना है कि अगर सरकार ने कब्जा ले लिया, लेकिन मुआवजा नहीं दिया तो अधिग्रहण खत्म नहीं होगा। कितने समय तक, यही सवाल है। सरकार कितने समय तक मुआवजा नहीं देगी और अधिग्रहण जारी रहेगा?
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