कृषि विधेयक लोस से पारित, विरोध में हरसिमरत का इस्तीफा
किसानों से संबंधित कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा प्रदान करना) विधेयक 2020 एवं कृषक (सशक्तिकरण और संरक्षण) मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयकों के विरोध में केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने बृहस्पतिवार को मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है।
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उनके इस्तीफे से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में टूट के आसार उत्पन्न हो गए हैं। इस विधेयक का समूचे विपक्ष ने लोकसभा में विरोध किया। एनडीए के घटक शिरोमणि अकाली दल ने भी विधेयकों का कड़ा विरोध किया। भारी विरोध व विपक्ष के वाक आउट के बीच ये बिल ध्वनिमत से पारित हो गए।
केंद्र सरकार के कृषि अध्यादेशों को लेकर केंद्र की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में टूट की स्थिति उत्पन्न हो गई है। एनडीए के प्रमुख घटक शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष व सांसद सुखबीर सिंह बादल द्वारा इस बिल का संसद में जोरदार विरोध किए जाने के बाद उनकी पत्नी तथा केंद्र सरकार में खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने मंत्रीपद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने अपना इस्तीफा प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजा है, हालांकि अभी उनका इस्तीफा मंजूर नहीं हुआ है। अकाली दल सांसद सुखबीर सिंह बादल ने इससे पूर्व लोकसभा में इन विधेयकों का विरोध करते हुए इसे किसान विरोधी बताया और इस संबध में लागू किए गए अध्यादेश को भी वापस लेने की मांग की। विधेयकों के पारित होने के बाद सुखबीर बादल ने कहा कि एनडीए में रहने या न रहने पर पार्टी अलग से बैठक कर फैसला लेगी।
उन्होंने कहा कि यह विधेयक मंत्रिमंडल की बैठक में लाये जाने के दौरान भी मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने इस बिल को लेकर अपनी शंकाएं व्यक्त की थी और बाद में पत्र लिखकर भी विरोध जताया है। पंजाब में किसान इन विधेयकों के विरोध में सड़कों पर हैं, जगह जगह धरने प्रदर्शन व रास्ता जाम किये जा रहे हैं। पंजाब में किसान स्पष्ट रूप से यह चेतावनी दे रहे हैं कि पंजाब के जो सांसद संसद में इन विधेयकों का समर्थन करेंगे उन्हें गांवों में नहीं घुसने दिया जायेगा। विपक्ष के भारी विरोध के बीच किसानों तथा कृषि से संबधित कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य विधेयक 2020 तथा कृषक कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020 लोकसभा में पारित हो गये।
हरसिमरत का इस्तीफा ’नाटक‘ : कांग्रेस ने कृषि संबंधी विधेयकों के विरोध में शिरोमणि अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर बादल के केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने को ‘नाटक’ करार दिया। पार्टी ने सवाल किया कि शिअद ने मोदी सरकार से समर्थन वापस क्यों नहीं लिया।
पार्टी महासचिव एवं मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह भी कहा कि हरियाणा के उप मुख्यमंत्री और जननायक जनता पार्टी (जजपा) के नेता दुष्यंत चौटाला को भी कम से कम मनोहर लाल खट्टर सरकार से इस्तीफा देना चाहिए। सुरजेवाला ने ट्वीट किया, अकाली दल को प्रतीकात्मक दिखावे से आगे बढ़कर सच के साथ खड़े होना चाहिए।
MSP पर नहीं पड़ेगा असर
विपक्ष की ओर से उठाए गए तमाम सवालों के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने आश्वस्त किया कि इन विधेयकों से किसानों को उनकी फसल के न्यूनतम मूल्य पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। इस विधेयक से किसानों को नए अवसर उपलब्ध होंगे।
विपक्ष का क्या है विरोध का कारण
चर्चा के दौरान कांग्रेस, टीएमसी, आम आदमी पार्टी, सपा, बसपा आदि दलों ने एक सुर में इन विधेयकों का विरोध किया। विपक्ष का कहना था कि यह अध्यादेश लाकर सरकार ने छोटे व सीमांत किसानों को धन्ना सेठों के हवाले कर दिया है। विपक्ष ने न्यूनतम समर्थन मूल्य को निष्प्रभावी करने का आरोप लगाया और इसे अन्यायकारी बताया। इसी मूल्य के आधार पर किसान को आमदनी होती है। किसान की आमदनी की नींव को हटाया जा रहा है। विपक्ष ने कहा कि सरकार निवेशकों के साथ, धन्ना सेठों या किसानों के साथ खड़ी है। कान्ट्रेक्ट फार्मिग केवल नकदी फसलों को प्रोत्साहन देती है, इससे मिट्टी की उर्वरता पर भी विपरीत प्रभाव पड़ेगा।
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