वर्ष 2030 तक नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने का लक्ष्य

Last Updated 07 Sep 2020 07:53:47 PM IST

उच्चतर शिक्षा में परिवर्तनकारी सुधार को लेकर राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 की भूमिका विषय पर राज्यपालों का सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस दौरान केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने बताया कि नई शिक्षा नीति को समानता, जवाबदेही, गुणवत्ता और समान अवसर को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है।


केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक

इसे लागू करने के लिए साल 2030 तक का लक्ष्य रखा गया है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा, "भारत को सतत विकास और वैश्विक ज्ञान के जरिए महाशक्ति में बदलने का लक्ष्य है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में निहित नैतिकता एक ऐसी शिक्षा प्रणाली जो भारत को बदलने में सीधे योगदान देती है, अर्थात नई शिक्षा नीति भारत को एक उच्च-गुणवत्ता की शिक्षा प्रदान करके एवं वैश्विक महाशक्ति बनाने में मदद करेगी।"

यह पहली बार है कि शिक्षा नीति को व्यापक परामर्श से तैयार किया गया है। जितने भी सुझाव आए थे, उनको मंथन का हिस्सा बनाया गया है। इसमें लचीलापन और वैज्ञिक सोच को बढ़ावा दिया गया है। भाषा हमारी संस्कृति का अहम हिस्सा है। इसमें नवाचार और ज्ञान विज्ञान, का समावेश है।

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक भारत को सस्ती और बेहतर शिक्षा प्रदान करने वाले वैश्विक अध्ययन केंद्र के रुप में बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे भारत को विश्व गुरु के रूप में अपनी भूमिका स्थापित करने में मदद मिलेगी। दुनिया के शीर्ष 100 विश्वविद्यालयों को भारत में आमंत्रित किया जाएगा। इस तरह से शिक्षा को एक आधारभूत ढांचे के तहत लाया जाएगा। भारतीय और वैश्विक संस्थानों के बीच अनुसंधान सहयोग और छात्रों के आदान-प्रदान के विशेष प्रयासों को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके अलावा, विदेशी विश्वविद्यालयों में क्रेडिट अर्जित करने की अनुमति दी जाएगी। प्रत्येक उच्च शिक्षा संस्थान को सुविधा अनुसार डिग्री प्रदान करने की छूट होगी।

नई शिक्षा नीति के मसौदे को पद्म विभूषण डॉ के. कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में तैयार किया गया है। जून 2017 में नई शिक्षा नीति ड्राफ्ट करने के लिए पद्म विभूषण और वैज्ञानिक के. कस्तूरीरंगन के नेतृत्व में कमेटी गठित की गई, जिसके बाद राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2019 का मसौदा 31 मई को मानव संसाधन मंत्रालय में प्रस्तुत किया गया।

निशंक ने कहा, "हम एक विश्व नागरिक बनाने के ओर बढ़ रहे है। भारत ज्ञान की महाशक्ति बनेगा और हमलोग प्रधानमंत्री जी के विजन को लेकर आगे बढ़ेंगे। हमारे पास कंटेट और टैलेंट भी होंगे। हम बहुभाषावादी और आशावादी भी बनेंगे। हम इस नीति को बिना देरी के क्रियान्वयन को आगे बढ़ाएंगे। हम एक अच्छे भारत के निर्माण के लिए तैयार होंगे।"

आईएएनएस
नई दिल्ली


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment