अफ्रीकी देश माली में तख्तापलट, भारतीय सुरक्षित
पश्चिमी अफ्रीकी देश माली में तख्तापलट हो गया है राष्ट्रपति इब्राहिम बुबाकार केटा ने अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया है।
![]() माली में भारत के राजदूत अंजनी कुमार सहाय (फाइल फोटो) |
गौरतलब है कि इससे पहले माली के विद्रोही सैनिकों ने राष्ट्रपति इब्राहिम बुबाकार केटा और प्रधानमंत्री बोबू सिसे को हिरासत में ले लिया था।
सेना के इस विद्रोह की शुरुआत मंगलवार को माली की राजधानी बामाको के नज़दीक एक अहम सैनिक कैंप में गोलियों की आवाज़ के साथ शुरू हुई थी।
माली में भारत के राजदूत अंजनी कुमार सहाय ने सहारा समय से बातचीत में कहा है कि भारतीय मूल के लोग सुरक्षित हैं और एंबेसी लगातार उनके संपर्क में है साथ ही एंबेसी के अधिकारी सुरक्षित हैं।
माली में राष्ट्रपति को हटाने को लेकर कई महीनों से विरोध प्रदर्शन हो रहे थे।
2013 में कीता को लोकतांत्रिक तरीके से चुना गया था और पांच साल बाद वे दोबारा निर्वाचित हुए। आठ साल पहले भी इसी तरह का तख्ता पलट हुआ था और उस समय भी इसी बैरक के सैनिकों ने तख्ता पलट को अंजाम दिया था। लेकिन बाद में वह फिर सत्ता पर काबिज हो गए।
इस बीच माली में राजनीतिक संकट पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव अंटोनियो गुटेरेश ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की बिना शर्त तत्काल रिहाई की मांग की है।
गुटेरेश के प्रवक्ता स्टीफन डुजारिक की तरफ से जारी बयान के मुताबिक, "महासचिव ने माली के हालात की निंदा की है और देश में कानून के नियमों और संवैधानिक व्यवस्था की तुरंत बहाली के आदेश दिए हैं।" इसके अलावा अफ्रीकी संघ और अमेरिका ने भी इस घटना की आलोचना की है।
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