कोरोना से एक भी मौत दुखदायी: कैप्टन अमरिंदर सिंह
कोरोना महामारी पूरी दुनिया के लिए बड़ी समस्या बनी हुई है। इससे सफलतापूर्वक निपटना और इससे पैदा हुए आर्थिक संकट से उबर कर स्वास्थ्य व्यवस्था और अर्थव्यवस्था को वापस पटरी पर लाना एक बड़ी चुनौती है।
![]() सहारा न्यूज नेटवर्क के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं एडिटर इन चीफ उपेन्द्र राय और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह |
पंजाब में इससे पैदा हुए हालात और उनसे उभरी चुनौतियों‚ केंद्र और राज्य के समन्वय और भारत–चीन विवाद संबंधी सवालों पर राज्य के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से सहारा न्यूज नेटवर्क के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं एडिटर इन चीफ उपेन्द्र राय ने विशेष बातचीत की। प्रस्तुत है विस्तृत बातचीतः
कोरोना ने पूरी दुनिया को बदहाल कर दिया है। पंजाब में भी संक्रमितों का आंकड़ा 5000 के ऊपर पहुंच गया है‚ तो वहीं पंजाब को आर्थिक रूप से ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा है। एक आकलन के मुताबिक कोरोना के चलते कितना नुकसान हुआ है?
जान और माल दोनों तरह के नुकसान हुए हैं। अभी आइसोलेशन में यानी अस्पताल में या होम क्वारंटीन में 1700 के करीब कोरोना मरीज हैं। ये आंकड़ा बाकी राज्यों की तुलना में तो बेहतर है फिर भी मैं इसे बुरा समझता हूं। पंजाब का कोई भी नागरिक बीमार हो जाए या गुजर जाए तो मुझे दुख होता है। जहां तक आर्थिक मामलों की बात है‚ तो ये सच है कि हालात बेहद खराब हो गए हैं। हमारे यहां 2 लाख 52 हजार के करीब इंडस्ट्रीज हैं‚ उनमें प्रोडक्शन शून्य पर आ गया था। अब धीरे धीरे 2 लाख 32 हजार के करीब इंडस्ट्रीज चालू हो गई हैं और तकरीबन 17 लाख मजदूर भी काम पर आ गए हैं। कुल मिलाकर लगभग 40 प्रतिशत काम शुरू हो गया है‚ लेकिन घाटे की बात करें तो साल के अंत में करीब 30 हजार करोड़ का नुकसान होगा।
कैप्टन साहब‚ एक घटना ने पूरी दुनिया का ध्यान पंजाब की ओर खींचा जब निहंगों ने एक एएसआई का हाथ काट दिया था। लेकिन आपने जिस तरीके से पुलिस बल का मनोबल बढ़ाया और जिस अनोखे तरीके से अपने जवान को रेड कारपेट ट्रीटमेंट दिया ऐसा कभी देखने को नहीं मिला। मैंने खुद उस वीडियो को कई बार देखा। पहले तो लगा कि कैप्टन साहब आ रहे हैं लेकिन उस रेड कारपेट पर अस्पताल से घर को आ रहे एएसआई की तस्वीर थी। वो वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल भी हुआ। उस पूरी घटना के बारे में जरा पाठकों को बताएं।
शुरू–शुरू में जब लॉकडाउन हुआ तो पटियाला भी लॉकडाउन में आ गया। उस दौरान एक रिलीजियस ग्रुप के तीन–चार लोग बलवेडा की तरफ से आ रहे थे और सब्जी मंडी जाना चाह रहे थे। उनको वहां मौजूद एएसआई ने रोका और कहा कि आप आगे नहीं जा सकते। लेकिन बिना किसी उकसावे के एक शख्स ने तलवार निकाल ली और एसएसआई का हाथ काट दिया। वहां मौजूद एक साथी तुरंत एएसआई को अस्पताल ले गया। वहां से फौरन उन्हें चंडीगढ़ पीजीआई ले जाया गया जहां सर्जनों ने 12 घंटे के ऑपरेशन के बाद एएसआई का कटा हाथ फिर से जोड़ दिया। आज ईश्वर की कृपा से उसका हाथ पूरी तरह से काम कर रहा है। हमने निडर होकर अपनी ड्यूटी निभाने वाले उस एएसआई को सब–इंस्पेक्टर बना दिया।
आपने पुलिस फोर्स के प्रति बहुत बेहतर तरीके से अपना फर्ज निभाया। इसके लिए सहारा न्यूज नेटवर्क की ओर से ढेर सारी शुभकामनाएं। आपने पंजाब के लोगों से सुरक्षा नियमों का उल्लंघन न करने की अपील की। मास्क नहीं पहनने पर बहुत से लोगों का चालान किया गया। देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने भी कहा कि अनलॉक–1 में हम लोग बहुत लापरवाह हो गए हैं। हमें और सतर्कता बरतते हुए इसका पालन करना है। उन्होंने यहां तक कहा कि पुलिस और सख्ती करे। हालांकि आपने पहले से ही सख्ती कर रखी है लेकिन अब चुनौतियां नए रूप में बढ़ने वाली हैं। लॉकडाउन में तो लोग एक दूसरे के सम्पर्क में नहीं थे लेकिन अब जब सबकुछ अनलॉक हो रहा है तो लोग एक दूसरे के संपर्क मे आ रहे हैं। ऐसे में संक्रमण और तेजी से फैल सकता है। इसको रोकने के लिए आप एहतियातन क्या कदम उठा कर रहे हैं?
हमने पहले ही कह रखा है कि मास्क जरूर पहनें‚ सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें‚ सार्वजनिक जगहों पर न थूकें‚ क्योंकि इससे बीमारी फैलती है। मास्क से तो 75 फीसद बचाव हो जाता है लेकिन थूकने की वजह से ये पैरों में लग जाता है। उससे वायरस और तेजी से फैल सकता है। इसके सरकार जुर्माना भी लगा रही है। हालांकि ये अफसोस की बात है कि रोजाना तकरीबन 5 हजार लोगों को जुर्माना भरना पड़ रहा है। लेकिन सख्ती जरूरी है। हमने इंडस्ट्रीज को खोल दिया है।
पहले पांच दिन ही खोला था लेकिन अब शनिवार को भी यानि अब सप्ताह में 6 दिन फैक्ट्रियां खुली रहेंगी। हमने रविवार बंदी रखी है क्योंकि उस दिन सोशल गैदरिंग होती है। मेरा लक्ष्य है कि पंजाब सुरक्षित रहे। हमने घोषणा कर रखी है कि नियमों का पालन ठीक से करने पर और नरमी बरती जाएगी। अब सोशल मीडिया पर 70 परसेंट लोग जिम खोलने की मांग कर रहे हैं। लोग इस बात को नहीं समझते कि नेशनल डिजास्टर एक्ट सिर्फ एक राज्य का कानून नहीं है। अगर स्टेट डिजास्टर एक्ट होता तो मेरे हाथ में होता लेकिन यहां तो होम मिनिस्ट्री का साफ निर्देश है कि अभी जिम नहीं खोलने हैं। लोग समझते हैं कि मैंने बंद कर रखा है। मैं लोगों को समझा रहा हूं कि ये मेरे हाथ में नहीं है। जैसे ही निर्देश मिलेंगे‚ मेरी कोशिश होगी कि जिम खुल जाएं।
पंजाब में चार और लैब्स को कोरोना टेस्ट की मान्यता मिल गई है। क्या आपको लगता है कि जांच का दायरा और बढ़ाने की आवश्यकता है? या जो चल रहा है वो काफी है?
इसे सौ फीसद बढ़ाने की जरूरत है। कोरोना टेस्ट कराना बेहद जरूरी है चाहे पंजाब की बात हो या पूरे मुल्क की या दुनिया में टेस्ट कराने की बात हो। सच ये है कि जब हमने जांच करनी शुरू की तो हमारे पास तीन मेडिकल कॉलेज थे और एक पीजीआई। उसमें रोजाना 700 टेस्ट होते थे। हमने इसे बढ़ाया जिसके बाद सीएमसी लुधियाना सभी जगह टेस्ट होने लगे। टेस्ट का आंकड़ा 2200 रोज तक पहुंच गया। आज हम प्रतिदिन 10‚000 टेस्ट तक पहुंच गए हैं। अभी जो चार लैब्स को मंजूरी मिली है उससे जुलाई के आखिर तक डेली 20‚000 टेस्ट हो सकेंगे।
तेल की कीमतों में भारी बढ़ोतरी के कारण आपने सार्वजनिक वाहनों में 50 प्रतिशत सीटों पर लगी रोक को खत्म करने का फैसला लिया है। क्या आपको नहीं लगता कि इससे संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है?
समस्या यह हो गई कि केंद्र सरकार ने 18 बार डीजल और पेट्रोल के दाम बढ़ाए। इससे वाहन चलाने के ऑपरेशनल कास्ट बढ़ गए। दूसरी तरफ फिफ्टी परसेंट यात्री ही बैठ सकते हैं। इससे बसें रुक गईं। ऑपरेटर्स कहने लगे कि हमें तो कुछ बचत होती ही नहीं फिर कैसे चलाएं। तो फिर हमने एक शर्त लगा दी कि सभी लोग मास्क पहन कर सफर करें और हमने फिफ्टी परसेंट की रोक हटा दी।
कैप्टन साहब‚ राज्य भी तो एक्साइज ड्यूटी लगाते हैं। ऐसे में राज्य भी तो तेल की कीमतें कम कर सकते हैं। आप एक अनुभवी और बड़े नेता हैं क्या आप मानते हैं कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतें एक स्तर पर आकर रुक गई हैं। लेकिन हिन्दुस्तान में कीमतें आसमान छू रही हैं। और अब तो जो पहले कभी नहीं हुआ वो भी देखा जा रहा है। पेट्रोल से ज्यादा डीजल का रेट हो गया है। आपकी क्या प्रतिक्रिया है?
यही तो सबसे बड़ी प्राब्लम है। किसान यूनियन ने भी शिकायत की कि पहली बार ऐसा हो रहा है कि डीजल की कीमत पेट्रोल से ज्यादा हो गई है। समस्या अंतरराष्ट्रीय है सिर्फ हमारी नहीं । हमारा तेल बाहर से आता है। आज ट्रांसपोर्टेशन रुका हुआ है। प्रोडक्शन रुका हुआ है। लेकिन सरकार ने पिछले दिनों में 18 बार तेल के दाम बढ़ाए हैं। अभी कांग्रेस वर्किंग कमिटी की मीटिंग में रिजोल्यूशन पास हुआ है कि सरकार बढ़ी हुई कीमतें वापस ले। तीन महीने में तो डीजल के दाम 9 रुपए बढ़ गए। ऐसे में खेती करने में दिक्कत होगी‚ बसें नहीं चलेंगी‚ टैक्सी नहीं चलेंगी। अगर मेरे पास गुंजाइश होती तो मैं बैकट्रैक करता। मैंने तो अभी कहा है कि मेरा तो 30 हजार करोड़ का नुकसान हो गया है इस साल का। हमारे पास पैसे नहीं हैं।
हमारे देश में संघीय ढांचा है। राज्य और केन्द्र के आपसी सहयोग से देश चलता है। आपदा के समय में राज्य अपने हिस्से का पैसा‚ स्पेशल फंड या इमरजेंसी फंड या मदद जब केन्द्र से मांग रहे हैं तो केन्द्र का रवैया कैसा है। केंद्र से रिस्पांस मिल रहा है या कोई रेस्पांस नहीं मिल रहा है?
हमने प्रधानमंत्री से मुख्यमंत्रियों की मीटिंग में मांग की थी तो उन्होंने कहा था कि 20 लाख करोड़ रु पए वो राज्यों को देंगे। लेकिन किसी तरह का सीधा सपोर्ट नहीं है। अब इनडाइरेक्ट सपोर्ट मैं नहीं जानता। सच यही है कि पंजाब को केन्द्र से एक रुपए का भी सहयोग नहीं मिला रहा। जहां तक सीधे मदद का सवाल है तो उन्होंने हमारी उधार लेने की लिमिट को 3 परसेंट से बढ़ाकर 5 परसेंट कर दिया है। लेकिन उन दो प्रतिशत में भी शर्त लगा दी गई है कि उसे कैसे इस्तेमाल किया जाएगा। इसीलिए मैं कहता हूं कि जो हमारी संघीय शक्ति है वो लगातार कमजोर होती जा रही है।
केन्द्र सरकार ने हाल ही में अध्यादेश लाकर ये प्रावधान किया है कि अब किसान अपनी फसलों को अन्य राज्यों में भी बेच सकेंगे। आपने केन्द्र के फैसले पर आपत्ति जताई है और कहा है कि ये संघीय ढांचे का उल्लंघन है। क्या वजह है इसके पीछे?
वो इसलिए क्योंकि एक समय था जब हम झोली लेकर अमेरिका जाते थे और गेहूं वगैरह लेते थे। 1966 में पंजाब में ग्रीन रिवोल्यूशन शुरू हुआ। हम मेक्सिकन गेहूं ले आए‚ फिलिपींस से राइस ले आए। पंजाब ने पूरे मुल्क को गेहूं और चावल देना शुरू कर दिया। उसके लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य बनाया‚ उसके लिए मंडी बोर्ड बनाया। कृषि का टोटल कंट्रोल हमारे हाथ में आ गया। अब इन्होंने देखा कि हमारे पास सरप्लस है। गंगा यमुना बेसिन डेवलप हो गया‚ कावेरी बेसिन डेवलप हो गई। आपकी नर्मदा बेसिन विकसित हो गई और वहां चावल की खूब खेती होने लगी। अब कहते हैं एमएसपी हटा दो। आपको याद होगा शांता कुमार के विचार थे कि एमएसपी को बंद कीजिए और एफसीआई को भी बंद किया जाए। अब यदि ये वांइड अप हो जाएगी तो हमारे किसान तो मर जाएंगे। आज मक्के की एमएसपी 1700 रूपए हैं। लेकिन चार दिन पहले होशियारपुर में मक्का 600 रु पए प्रति क्विंटल बिका।
लद्दाख में भारत और चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़प में 20 भारतीय जवानों के शहीद होने पर आपने कहा था कि चीन यदि हमारा एक जवान मारता है तो हमें उसके पांच जवान मारने चाहिए। चीन को सबक सिखाने के लिए केन्द्र सरकार को और क्या कदम उठाना चाहिए? आप आर्मी और उसके सामरिक महत्व को बहुत अच्छे से समझते हैं। आपका इस विषय पर गहरा अध्ययन है। आप इस विषय पर प्रधानमंत्री को क्या सुझाव देना चाहेंगे?
चीन दिन पर दिन हम पर आक्रामक हो रहा है। पहले 1962 से ही आरंभ करते हैं। पाकिस्तान ने पीओके में कुछ इलाके चीन को गिफ्ट कर दिये जो हिन्दुस्तान के थे। इसके साथ ही अक्साई चिन पर भी चीन ने कब्जा कर लिया। उसके बाद हिमाचल प्रदेश का हिस्सा‚ बाराहोटी‚ डोकलाम‚ नाथूला पास जैसे कई इलाके वो लेकर बैठ गए हैं। अब वो गलवान घाटी में भी आ गए हैं। आपको डिप्लोमेसी करनी है करो पर 1962 में हम हिन्दी चीनी भाई भाई करते रहे उसने दिखा दिया कि वो क्या हैं। गलवान में जो तनाव बढ़ रहे हैं उसमें ये कुछ बड़ा करने की साजिश रच रहे हैं। मुझे पूरा भरोसा है कि भारत सरकार इन सारी बातों को देख रही है। हमें चीन को रोकना होगा। ये नहीं चल सकता कि वो हमारे कर्नल को मार दें बीस जवान को मार दें। एक सैनिक होने के नाते मुझे बहुत दुख होता है।
भारत चीन के बीच जो तनाव बढ़े हैं उसको लेकर कांग्रेस पार्टी जिस तरीके से सरकार पर हमलावर है‚ आपको नहीं लगता कि कांग्रेस को अभी इस तरह के हमलों से बचना चाहिए था? क्या ये बेहतर नहीं होता कि महंगाई या पेट्रोल डीजल की बढ़ी कीमतों पर विपक्ष सरकार सरकार की घेराबंदी करता?
देखिए जब कभी ऐसी बात होती है तो विपक्ष सपोर्ट करता है। करगिल के समय भी हमने सरकार को सपोर्ट किया। जब पुलवामा की घटना हुई तब भी कांग्रेस ने कहा कि सरकार को उसका पूरा समर्थन है। अब भी कांग्रेस पार्टी ने कहा कि देश हित में सरकार चीन के साथ जो भी कर रही है उसका समर्थन करते हैं। लेकिन विपक्ष होने के नाते हम ऐसे मुद्दे उठाते हैं जिनका सरकार पर असर हो। ये कहना गलत होगा कि हमारा समर्थन सरकार को नहीं है।
कांग्रेस वर्किंग कमिटी की बैठक में शायद राहुल गांधी ने कहा था कि बीजेपी सरकार पर हमें हमलावर होना है। इस तरह की रिपोर्ट मीडिया में आई थी। उनका इस तरह के विरोध का क्या मकसद था? उस समय तो डीजल–पेट्रोल का भी मुद्दा नहीं था। सीमा पर चल रहे तनाव का मसला ही था तब। झड़प में हमारे सैनिक शहीद हुए थे तो वहीं चीन के भी सैनिक भी मारे गए थे। फिर उनका क्या मतलब था हमलावर होने को लेकर?
नहीं‚ उनकी ऐसी कोई सोच नहीं थी। जहां तक मिलिट्री आपरेशन का सवाल है या चीन से जुड़े विवाद हैं तो वहां कांग्रेस सरकार के साथ है । जहां तक दूसरे विषय की बात है‚ चाहे वो आर्थिक मुद्द हों या कोविड‚ इन सबको लेकर तो विरोधी दलों का काम ही है सरकार को घेरना और सवाल पूछना।
आपने सभी विभागों के खर्च को तर्कसंगत बनाने की बात की है। कोरोना संकट में राज्य के राजस्व में लगातार कमी आ रही है। आपने बताया कि पंजाब को 30 हज़ार करोड़ का नुकसान हुआ है। तो ये जो गैप है‚ इसको कैसे पूरा करेंगे?
हमारे पास पैसे की कमी है। आपको मालूम है कि जब हमने सत्ता संभाली थी तो राज्य 2 लाख करोड़ के घाटे में था। उसका समाधान भी निकालना है और साथ ही सरकार भी चलानी है। अब रेवेन्यू 30 हज़ार करोड़ घट गया‚ तो हम राज्य कैसे चलाए। मुझे वेतन भी देना है‚ 81 हज़ार पुलिस कर्मिंयों को वेतन देना है‚ बाकि और भी सरकारी विभाग के कर्मचारी हैं उनकी भी सैलेरी देनी है। सरकार चलाना कोई आसान काम नहीं है। पुल बनाने हैं‚ सड़कें बनानी हैं और भी बहुत कुछ करना है। धीरे–धीरे सब सामान्य हो जाएगा।
आर्थिक तंगी की इस स्थिति में क्या किसानों को बिजली में मिलने वाली सब्सिडी जारी रहेगी?
हम बिजली एक्ट का विरोध कर रहे हैं। बिजली पैदा करना और उसको मैनेज करने का अधिकार हमारे पास था। अब इस अधिकार को केंद्र सरकार लेना चाहती है। ऐसे में वहीं हमें बताएंगे कि हमें वो कितनी बिजली देंगे और कितना रेट लगाएंगे। कितना डोमेस्टिक‚ कितना इंडस्ट्रीयल‚ कितना एग्रीकल्चर रेट होगा। केंद्र सरकार हमारे पास फिर छोड़ेगी क्या। आपने फाइनंशियल पावर ले लिए‚ इंड्ट्रिरयल और एग्रीकल्चर पावर आप हमसे ले रहे हैं‚ आप बिजली भी ले रहे है‚ हमारे पास क्या रहेगा।
नए हालात के मद्देनजर आपने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भेजकर गैर वित्तीय सहायता समेत 80‚845 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद मांगी। इस संबंध में केंद्र की ओर से क्या आपको कोई आश्वासन मिला?
नहीं‚ कोई जवाब नहीं मिला। हमें इंडस्ट्रीज को भी चलाना है‚ पॉवर सप्लाई भी ठीक करनी है‚ राज्य में जो विकास कार्य हो रहे हैं‚ उन सभी को चलाने के लिए हमें और पैसा चाहिए होगा।
जब आपने राज्य में सरकार बनाई थी तब आपने अकाली दल के करप्शन पर काफी ज़ोरदार आवाज़ उठाई थी। अब अकाली दल गन्ना किसानों का 383 करोड़ का बकाया भुगतान न होने का मुद्दा बना रही है। क्या इस संबंध में निजी चीनी मिलों को कोई संदेश दिए गए हैं?
चीनी मिलें दो किस्म की हैं। कोऑपरेटिव और प्राइवेट दोनों ही प्रकार की मिलों का काफी बकाया पड़ा है। कोऑपरेटिव मिल का लगभग 300 करोड़ है बकाया है‚ जिसमे से 150 करोड़ हम दे रहे हैं। हमने कोऑपरेटिव महकमे को इस मैटर को हैंडल करने को कहा है। जहां तक प्राइवेट मिलों की बात है तो उन पर भी मैंने दबाव डाला है।
प्रवासी मजदूरों के पलायन और घर वापसी के बाद पंजाब में कृषि कार्य पर कितना असर पड़ा है और सरकार इससे निपटने के लिए क्या कर रही है?
जो प्रवासी हमारे यहां आते हैं वो एक तरह से पंजाबी ही बन जाते हैं। वो भी पंजाबी बोलने लगते हैं। एक बार जो ये कोविड का डर आ गया था उससे सभी घबरा गए थे। ऐसे में सभी प्रवासियों का मानना था कि अपने घर हो आएं। समस्या थी कि वो कैसे वापस घर जाएं। इसके लिए हमने लगभग 400 ट्रेनों का इंतजाम करवाया। जिसके चलते 5‚60‚000 प्रवासी अपने घर चले गए। पंजाब में लगभग 13 लाख प्रवासी थे। लेकिन अब वो लोग वापस आना चाह रहे हैं।
आपके शासन के दौरान पंजाब ने नशे की समस्या पर काफी काबू पा लिया। पूरे देश ने इस बात को देखा। नशा माफियाओं पर भी आपने कड़ी कार्रवाई की। हालांकि पाकिस्तान की ओर से की जा रही नशे की तस्करी पर अभी भी पूरी तरह से रोक नहीं लग पा रही है। इसके पीछे क्या वजहें हैं?
ड्रग्स के धंधे में बहुत पैसा लगा होता है। कश्मीर में भारी तादाद में फौज की तैनाती है। बावजूद इसके अब ये ड्रग्स ड्रोन्स के जरिए आने लगे हैं। तारनकोट में हमने पकड़ा। कुछ वाघा के ज़रिए नमक की बोरियों में आ रहे 500 किलों के करीब ड्रग्स हमने पकड़ा। हम इस पर पूरी पकड़ बनाए हुए हैं। इस बीच एक अच्छी चीज़ ये हुई है कि हम जो डी–एडिक्शन सेंटर चला रहे हैं वो अब भरने लग गए हैं। लोग वहां आ रहे हैं। पहले वो खाली रहते थे। हम पुलिस में भी सख्ती कर रहे हैं। सीआरपीएफ ने हाल ही में 11 किलो हेरोइन पकड़ी है बॉर्डर पर। बहुत हद तक रोक लगी है। बाजार में उपलब्ध न होने से इसके भाव चार गुना हो गए हैं।
जिस तरह से पंजाब में युवाओं का जीवन दांव पर लगा था आपने अपने सुशासन से उसमें एक नई दिशा दी है‚ एक नई उम्मीद जगाई है। कोरोना काल में ऑनलाइन एजुकेशन काफी तेज़ी से बढ़ा है लेकिन सच्चाई ये भी है कि गरीब विद्यार्थियों के पास स्मार्टफोन नहीं है। ऐसे में क्या भारत जैसे देश में ऑनलाइन एजुकेशन क्लासरूम एजुकेशन का विकल्प बन सकता है?
ये हो जाएगा। मैंने पिछले चुनाव में पंजाब की जनता से वादा किया था। हमने ऑर्डर भी कर दिए थे मोबाइल। 50‚000 मोबाइल कंपनी के गोदामों में पहुंच भी गए हैं। इन्हें हमें जुलाई में लोगों को बांटने हैं। ये हमने 11वीं और 12वीं की लड़कियों के लिए रखा है।
आपके एक निर्णय की पूरे देश में चर्चा है। प्रदेश में दो सर्वोच्च पद हैं और दोनों एक ही परिवार के पास हैं। इस समय पंजाब के डीजीपी जो बहुत ही अच्छे ऑफिसर हैं। पंजाब की चीफ सेक्रेटरी श्रीमति विनी महाजन भी पॉजिटिव माइंडसेट वाली हैं। लोग आपके इस निर्णय की काफी तारीफ कर रहे हैं?
देखिए मैं इसे नहीं मानता। मैं काबलियत में भरोसा रखता हूं। कोई कहता है किसी सिख को लाना चाहिए था लेकिन मैं उस तरह की बातों को नहीं मानता। मैं इसके हक में नहीं हूं। हमारे दोनों ऑफिसर‚ दिनकर गुप्ता और विनी महाजन अगर पति पत्नी हैं‚ तो ये उनकी गलती नहीं है। उनकी काबीलियत है और मुझे लगता है कि हमे अच्छे साथी मिले हैं। पंजाब के डीजीपी और चीफ सेक्रेटरी बेहतरीन लोग हैं। पंजाब के लोगों का इससे ज़रूर फायदा हेगा।
चूंकि आप कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठतम नेताओं में से एक हैं। मैं आपसे जानना चाहूंगा कि क्या राहुल गांधी फिर कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष पद की कमान संभाल सकते हैं? आपका क्या कहना है?
बिल्कुल संभाल सकते हैं। जब उन्होंने इस्तीफा दिया था मैंने उसका अपोज किया था। देखिए‚ सभी सीखते हैं। जब मैं सरकार में आया था तो मुझे क्या पता था कि सरकार में क्या होता है। मैं पहली बार 1985 में मिनिस्टर बना। मुझे तो पता भी नहीं था कि सरकार कैसे चलती है। धीरे धीरे वो भी सीख जाएंगे। मुझे लगता है कि वो काफी अच्छे अध्यक्ष साबित होंगे।
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