वित्त मंत्री रहते हुए मनमोहन सिंह ने आरजीएफ को आवंटित किए थे 100 करोड़, बीजेपी हुई हमलावर

Last Updated 26 Jun 2020 01:29:43 PM IST

राजीव गांधी फाउंडेशन(आरजीएफ) की फंडिंग को लेकर भारतीय जनता पार्टी लगातार हमलावर है। अब पता चला है कि 1991-92 के आम बजट से इस फाउंडेशन को सौ करोड़ रुपये आवंटित हुए थे।


पूर्व प्रधानमंत्री और तत्कालीन वित्त मंत्री मनमोहन सिंह

इसको लेकर भाजपा ने पूर्व प्रधानमंत्री और तत्कालीन वित्त मंत्री मनमोहन सिंह पर निशाना साधा है। उधर, भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने प्रधानमंत्री रिलीफ फंड से भी राजीव गांधी फाउंडेशन को पैसा देने पर सवाल उठाया है। कहा है कि सोनिया गांधी की अध्यक्षता में यह फाउंडेशन पैसा लेने के लिए बनाया गया था। यह कांग्रेस के भ्रष्टाचार का उदाहरण है।

भाजपा ने 1991-92 के आम बजट भाषण के दस्तावेज जारी करते हुए इस मुद्दे को उठाया है। बजट भाषण में कहा गया था कि सरकार ने राजीव गांधी फाउंडेशन को सौ करोड़ देने का फैसला किया है। यह धनराशि 20 करोड़ रुपये प्रति वर्ष की दर से पांच वर्षों के लिए दी जाएगी। हालांकि, बताया जा रहा है कि उस वक्त विपक्ष के हंगामे के कारण बजट आवंटन के बावजूद सरकार यह धनराशि फाउंडेशन को जारी करने में सफल नहीं हुई थी।

बजट दस्तावेजों के मुताबिक पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को श्रद्धांजलि देने के लिए उनके नाम पर बने फाउंडेशन को आम बजट में सौ करोड़ रुपये आवंटित करने की घोषणा तत्कालीन वित्त मंत्री मनमोहन सिंह ने की थी।

बजट भाषण में उन्होंने कहा था, "राजीव गांधी फाउंडेशन की स्थापना पूर्व प्रधानमंत्री की यादों को चिरस्थाई बनाने और उनके विचारों को प्रमोट करने के लिए की गई है। यह फाउंडेशन विकास के लिए साइंस और टेक्नोलॉजी, साक्षरता, पर्यावरण संरक्षण, सांप्रदायिक सौहार्द, राष्ट्रीय एकता के लिए काम करता है। इसके साथ ही वंचित तबके के जीवनस्तर में सुधार करने और ग्लोबल इकोनमी में भारत के रोल को तय करने में भी फाउंडेशन अहम भूमिका निभाएगा। इसलिए सरकार ने राजीव गांधी को श्रद्धांजलि के रूप में इसे सौ करोड़ रुपये आवंटित करने का फैसला किया है।"

बीजेपी के अमित मालवीय ने कहा, "1991 के बजट भाषण डाक्यूमेंट्स से पता चलता है कि जब डॉ. मनमोहन सिंह वित्त मंत्री थे, उन्होंने राजीव गांधी फाउंडेशन को सौ करोड़ रुपये आवंटित किए थे। 20 करोड़ प्रति वर्ष की दर से पांच साल के लिए। गांधी परिवार के हितों की सेवा करते हुए भी श्रीमान ईमादार पूर्व प्रधानमंत्री वहां तक गए, जहां तक कोई जा सकता है।"

उधर, भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, "तीन-तीन बार पीएम रिलीफ फंड से राजीव गांधी फाउंडेशन के नाम पर पैसा लिया गया। शेल कंपनी बनाकर पैसा लिया गया है। रामेश्वर ठाकुर इसके ऑडिटर थे। नियम है कि ऑडिटर को तीन साल में बदला जाएगा, लेकिन इन्होंने क्यों नहीं बदला। दो बार पार्टी ने उन्हें राज्यसभा का सांसद बनाया और संसदीय कार्य मंत्री भी बनाया। सोनिया गांधी के प्रमुख पद पर रहते हुए यह फाउंडेशन पैसे लेने के लिए बनाया गया। सोचिए, कांग्रेस कैसे भ्रष्टाचार कर रही है।"

 

आईएएनएस
नई दिल्ली


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