पंजाब व कश्मीर में बड़े हमले की साजिश

Last Updated 15 Jun 2020 04:03:03 AM IST

ऐसे में जबकि समूची दुनिया कोरोना महामारी से जूझ रही है, पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई अब कश्मीरी आतंकियों के साथ-साथ खालिस्तानी खाड़कुओं को एक फ्रंट पर लाने की साजिश में लगी है।


पंजाब व कश्मीर में बड़े हमले की साजिश

सूत्रों का कहना है कि आईएसआई की नई साजिश के तहत लश्कर-ए-तय्यबा, जैश-ए-मोहम्मद व हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी गुटों और खालिस्तान समर्थक खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (केएलएफ) तथा खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स (केजेडएफ) के पंजाब में मौजूद स्लीपर सैलों को एक-दूसरे आतंकियों के साथ मिलकर बड़ी गड़बड़ियां (हमले) करने की नापाक साजिश बुन रही है।
गत माह राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने एक खालिस्तान समर्थक मादक द्रव्य तस्कर रंजीत सिंह को हरियाणा के सिरसा में गिरफ्तार किया था। उस पर हिजबुल मुजाहिदीन को टेरर फंडिंग करने का भी आरोप है। यह मामला तब पूरी तरह प्रकाश में आया जब घाटी के नौगाम के रहने वाले हिलाल अहमद वागे को पंजाब पुलिस ने गत अप्रैल में अमृतसर में 29 लाख की नकदी के साथ पकड़ा था। वागे को यह पैसा घाटी में हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर रियाज नायकू को देना था, जो गत दिनों पुलवामा में सुरक्षाबलों से मुठभेड़ में मारा गया।
आईएसआई इस बात को लेकर काफी परेशान है कि जिस प्रकार नियंत्रण रेखा पर भारतीय सेना हाई अलर्ट पर है, वहां से आतंकियों की घुसपैठ कराना बेहद कठिन हो रहा है। इसलिए अब उसने पंजाब के सरहदी जिले तरनतारन के रास्ते अपनी नापाक हरकतों को अंजाम देना शुरू किया है। अरसा पूर्व ड्रोन के जरिए पाकिस्तान से इस इलाके में हथियारों की खेप गिराई गई थी, जो कि आईएसआई से जुड़े स्थानीय स्लीपर सैल पाकिस्तान में बैठे हैंडलरों के आदेश पर उन हथियारों को कश्मीर ले जाना चाहते थे। कुछ कारोबारी टेरर फंडिंग और हवाला कारोबार में संलिप्त मिले हैं। वह पाकिस्तान से सेंधा नकम की बोरियों की आड़ में हेरोइन की तस्करी कर रहे हैं। ऐसे कारोबारी जांच एजेंसियों के रडार पर हैं। इस गोरखधंधे में आयातक, कस्टम हाउस एजेंट्स तथा ट्रांसपोर्टर्स के जरिए पंजाब से लेकर कश्मीर तक नशीले कारोबार का यह धंधा आतंकवाद को फंडिंग करने के लिए चल रहा है।

पिछले कुछ दिनों के भीतर पठानकोट में दो कश्मीरी आतंकियों को पकड़ा गया था। उन्हीं के एक साथी को गत दिवस तब पकड़ा जब वह घाटी के शोपियां जाने की फिराक में था। यह तीनों लश्कर-ए-तय्यबा के हैं। पंजाब पुलिस का मानना है कि पंजाब और कश्मीर के बीच हथियारों की खेप का धंधा आईएसआई अपने पालतू स्लीपर सैलों के जरिए चला रही है।जम्मू-कश्मीर से लेकर पंजाब तक पूरे राष्ट्रीय मार्ग पर कहीं भी ट्रकों की जांच के लिए फुल बॉडी स्कैनर नहीं लगे हैं, जिसकी वजह से जम्मू-कश्मीर और पंजाब के नाकों पर खड़े पुलिसकर्मी ट्रक में लदे सामानों की गहन जांच नहीं कर पाते। इन्हीं कुछ ट्रकों की आड़ में आतंकी, हथियार तथा ड्रग्स एक जगह से दूसरी जगह भेजे जा रहे हैं। इसी प्रकार, इसी साल 31 जनवरी को नगरोटा में और सितम्बर 2018 में जम्मू के झज्जर कोटली में कश्मीर नंबर के दो ट्रकों में आतंकी छिपकर घाटी जा रहे थे, लेकिन तलाशी के दौरान दोनों ही मामलों में मुठभेड़ हुई और कई आतंकियों को मार गिराया गया। आईएसआई न केवल जम्मू-कश्मीर बल्कि शांत हुए पंजाब में भी गड़बड़ियां करने की साजिश में लगी है, जिसके लिए वह खालिस्तान लिबरेशन फोर्स तथा खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स जिनके जर्मनी, ब्रिटेन, कनाडा में बैठे खालिस्तानी व कश्मीरी आतंकियों के साथ गठजोड़ है, यहां भारत में कश्मीरी आतंकियों व खालिस्तान आतंकी को शह देने में लगे हैं।

सहारा न्यूज ब्यूरो/ सतीश वर्मा
जम्मू


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