लद्दाख गतिरोध दूर करने के लिए 6 को लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की बातचीत
लद्दाख में भारत और चीनी सेना के बीच बने गतिरोध को दूर करने के लिए अब बातचीत का स्तर बढ़ा दिया गया है। अब बातचीत लेफ्टिनेंट जनरल स्तर पर होगी।
लद्दाख गतिरोध दूर करने के लिए 6 को लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की बातचीत |
अभी तक मेजर जनरल तक बातचीत का स्तर था, लेकिन मामला सुलझता न देख बातचीत लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की कर दी है। भारत की तरफ से 14वीं कोर के अपने जनरल हरेंद्र सिंह बात करेंगे।
मालूम हो कि 6 मई से लद्दाख के गलवान स्थित पेंगोंग झील के किनारे दोनों सेनाओं के बीच गतिरोध बना हुआ है। चीनी सेना ने 5 मई को इस क्षेत्र में घुसपैठ की थी, जिसे रोकने के लिए भारतीय सेना भी आगे बढ़ी थी, तब से अनेक स्तर पर बातचीत चल रही है। राजनीतिक स्तर पर भी बात हुई, लेकिन नतीजा अभी कुछ नहीं निकला है इसलिए सरकार ने बातचीत के स्तर को बढ़ाकर लेफ्टिनेंट जनरल के स्तर पर कर दिया है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को एक टेलीविजन चैनल से बातचीत करते हुए कहा कि लद्दाख में बड़ी संख्या में चीनी सेना मौजूद है और क्षेत्र को खाली कराने के लिए बातचीत जारी है। राजनाथ सिंह ने कहा कि उन्हें थल सेना अध्यक्ष ने जानकारी दी है कि बातचीत चल रही है। उन्होंने कहा कि चीन का दावा है कि उनका क्षेत्र एक विशेष क्षेत्र तक है, जबकि हमारा दावा भी एक विशेष क्षेत्र तक है। इस बात को लेकर दोनों सेनाओं के बीच असहमति बनी हुई है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत और चीन दोनों के पास समस्या का समाधान के लिए एक मैकेनिज्म है और हम उसी मैकेनिज्म के तहत कार्यवाही कर रहे हैं। यह अच्छा होगा कि उसी मैकेनिज्म के तहत समस्या का समाधान हो जाए। उन्होंने उम्मीद जताई कि जल्दी ही समाधान हो जाएगा। उन्होंने ने कहा कि हम किसी को अपना दुश्मन नहीं मानते हैं, लेकिन हमें रिस्पॉन्ड करने का अधिकार है।
मालूम हो कि मंगलवार को मेजर जनरल स्तर पर बातचीत हुई थी और भारत का प्रतिनिधित्व जीओसी लेह 3 माउंटेन डिविजन ने की थी।
वाई के जोशी भी लेह में 14वीं कोर के कमांडर रह चुके लेफ्टिनेंट जनरल वाई के जोशी बुधवार को लेह पहुंच गए हैं। वह भारत-चीन सैनिकों के बीच बने गतिरोध का मुआयना करने गए हैं। जोशी को लद्दाख क्षेत्र और एलएसी का गहरा अनुभव है। वह अपने अनुभव लद्दाख और एलएसी को संभाल रहे 14वीं कोर को देंगे।
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