मास्क, सेनिटाइजर्स ने ली शादियों में बैंड, बाजा, बारात की जगह

Last Updated 01 Jun 2020 05:12:07 AM IST

वैश्विक माहमारी का प्रभाव शादी ब्याहों पर भी साफ तौर पर नजर आने लागा है।


मास्क, सेनिटाइजर्स ने ली शादियों में बैंड, बाजा, बारात की जगह

जहां इनमें मेहंदी से लेकर संगीत तक कई रंग-बिरंगे समारोह, दोस्तों और रिश्तेदारों के मजमे होते थे और बैंड बाजा बारात के साथ लाग खूब थिरकते थे अब ऐसा कुछ नजर नहीं आता जो भी शादियां हो रही हैं उनमें सरकारी दिशा निर्देशों के मुताबिक सीमित संख्या शरीक होने वाले लोग आपसी शारीरिक दूरी बनाए और मास्क, ग्लवज पहने और सेनिटाइजर लगाते दिखते हैं। शादी समारोहों की मौजूदा स्थिति से लोगों के अरामानों पर तो जरूर पानी फिरा है लेकिन इससे फिजूलखर्ची में काफी कमी आई है।

यूं कहिए कोरोना काल की इन शादियों में बैंड, बाजा, बारात की जगह मास्क, सेनिटाइजर्स और सामाजिक दूरी के नियमों ने ले ली है। कई जोड़ों का इरादा किसी बॉलीवुड की तर्ज पर भव्य शादी का था जिनमें सैकड़ों और कभी-कभी दो हजार तक अतिथियों की सूची पहुंच जाती है।

कई समारोहों और डिजाइनर कपड़ों पर लाखों रुपए खर्च कर दिए जाते हैं, लेकिन महामारी के कारण अब कई शादियां बिल्कुल सादे स्तर पर हो रही हैं। सात जन्म तक एक दूसरे का साथ निभाने की कसमें अब आलीशान बैंक्वेट हॉल या मैरिज गार्डन में नहीं, बल्कि घर की छतों, घरों, मंदिर, चर्च या कहीं-कहीं तो राज्य की सीमाओं पर खाई जा रही हैं। इस पवित्र रस्म के साक्षी सिर्फ घर के लोग ही बन पा रहे हैं। इस संबंध में कई लोगों ने अपने अनुभव साझा किये हैं।

शादी में ज्यादा पैसा न हो खर्च : तौफीक हुसैन और अबेदा बेगम ने भी लॉकडाउन के बावजूद अपनी शादी को आगे बढ़ाने का फैसला किया। उन्होंने पिछले महीने असम के गोलपाड़ा में घर में शादी की, जिसमें केवल परिवार के आठ सदस्य मौजूद थे। हुसैन ने कहा कि यह वह तरीका है जिसके तहत ही विवाह हमेशा किया जाना चाहिए। ज्यादा भीड़ एकत्र करने और पैसा खर्च करने के बजाय करीबी रिश्तेदारों के बीच शादी करना ज्यादा मायने रखता है।

भाषा
नई दिल्ली


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment