राहुल गांधी ने कहा, लॉकडाउन के बाद बड़ी चुनौती बनकर उभरेगा कोरोना
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज कहा कि लॉकडाउन से कोरोना का फैलाव रोका जा सकता है लेकिन इसको हराने के लिए चिकित्सा सुविधा बढ़ाने और टेस्टिंग की व्यापक व्यवस्था करने की जरूरत है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी |
राहुल गांधी ने गुरुवार को यहां विशेष संवाददाता सम्मेलन में कहा कि लॉकडाउन के दौरान सरकार को इस महामारी से निपटने की तैयारी करनी है। लॉकडाउन कोरोना वायरस को फैलने से रोकेगा लेकिन कोरोना को हराने के लिए टेस्टिंग सबसे बड़ा हथियार है और इसको व्यापक रूप से बढ़ाने और इस दिशा में रणनीतिक तरीके से काम करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि लॉकडाउन की अवधि में इस बीमारी को रोकने के ठोस और पर्याप्त प्रयास नहीं किए गए तो इसे हटाने के बाद फिर लोगों को घरों में रहने को मजबूर करना पड़ेगा। इसी तरह से इसके आर्थिक नुकसान को रोकने के लिए भी रणनीतिक तैयारी की आवश्यकता है।
राहुल गांधी ने कहा, "मेरी बात को आलोचना नहीं बल्कि रचनात्मक तरीके से लिया जाना चाहिए और सबको मिलकर कोरोना को हराने के लिए काम करना है।"
राहुल गांधी ने कहा कि टेस्टिंग पर्याप्त नहीं होगी तो कोरोना की चुनौती से निपटना कठिन हो जाएगा। उन्होंने कहा कि टेस्टिंग नहीं होगी तो कोरोना आगे भागेगा और उसे रोकने के सरकार के प्रयास पर्याप्त नहीं हो सकेंगे।
उन्होंने कहा कि सरकार को लॉकडाउन के संकट से बचने के लिए लोगों को भोजन, राशन देना होगा और गरीबों के खाते में सीधे पैसे पहुंचाने होंगे। देश में खाद्यान्न की कमी नहीं है इसलिए गरीबों को पर्याप्त राशन मिलना चाहिए और इसके लिए गोदामों को खोल देना चाहिए।
राहुल गांधी ने कहा कि कोरोना किसी जाति या धर्म को देखकर नहीं आता है। यह एक महामारी है और इसके खिलाफ सबको मिलकर लड़ना है। उन्होंने कहा कि पूरा देश कोरोना वायरस के खिलाफ एकजुट होकर लड़ेगा तो इस महामारी को आसानी से हराया जा सकेगा।
कांग्रेस नेता ने कहा कि कोरोना को हराना सबकी जिम्मेदारी है और सबके मिलकर यह काम करना है। इस लड़ाई में अगर देश बंट गया तो लक्ष्य हासिल करना कठिन हो जाएगा। कोरोना से मुक्ति मिले यह हमारी प्राथमिकता है इसको हराने का श्रेय किसको मिले इससे उन्हें कोई मतलब नहीं है।
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