कश्मीर के तीनों पूर्व मुख्यमंत्री अभी भी नजरबंद
जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के लगभग पांच महीने बाद भी प्रदेश के तीन पूर्व मुख्यमंत्री और 20 नेताओं को नजरबंद रखा गया है।
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पूर्व मुख्यमंत्री डॉ फारूक अब्दुल्ला जो श्रीनगर से लोकसभा सांसद भी हैं और उनके पुा उमर अब्दुल्ला तथा महबूबा मुफ्ती को पांच अगस्त से ही नजरबन्द रखा गया है। डॉ अब्दुल्ला के खिलाफ सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम के तहत मामला भी दर्ज किया गया है।
पूर्व मुख्यमंत्रियों समेत विभिन्न पार्टियों के 20 अन्य नेताओं को भी नजरबंद रखा गया है। नजरबंद किये गये लोगों में पीपुल्स कॉन्फ्रेन्स के अध्यक्ष सज्जाद गनी भी शामिल हैं जो कि भारतीय जनता पार्टी और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की गठबंधन सरकार के दौरान मंत्री थे।
सबसे दिलचस्प बात यह है कि किसी भी नेता ने नजरबंद किये जाने को लेकर कोई चुनौती नहीं दी है। अधिकारियों ने पिछले दो महीनों में हालांकि अनुच्छेद 370 हटाने को लेकर कोई सवाल नहीं करने की शर्त पर 25 नेताओं को नजरबंदी से मुक्त किया है जिनमें कई पूर्व मंत्री और विधायक भी शामिल हैं।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने गत वर्ष पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 का खत्म करने का निर्णय लिया था।
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