पाक की तरफ से संघर्षविराम उल्लंघन की घटनाएं बढ़ीं

Last Updated 29 Jan 2020 01:25:31 AM IST

थल सेना अध्यक्ष जनरल मनोज मुकुंद नरवणे का कहना है कि अनुच्छेद 370 हटाने के बाद पांच अगस्त से पाकिस्तान की तरफ से संघर्ष विराम उल्लंघन की घटनाएं बढ़ गई हैं।


थल सेना अध्यक्ष जनरल मनोज मुकुंद नरवणे (file photo)

सीमापार से आतंकवादी को भेजने की कोशिशें की जा रही हैं, लेकिन कश्मीर शांत है। कश्मीर और पूर्वोत्तर में हालात की समीक्षा करने के बाद सेना की उपस्थिति घटाई जा सकती है। बोडोलैंड में अगले छह महीने में सेना कम रह जाएगी। उनका मानना है कि भविष्य के युद्ध अत्याधुनिक तकनीक पर आधारित होंगे, जिसमें ड्रोन, डाटा कम्यूटिंग और रोबोट शामिल हैं।

‘राष्ट्रीय सहारा’ के प्रश्नों का जवाब देते हुए थलसेना अध्यक्ष जनरल नरवणे ने कहा कि देश के अंदरूनी और बाहरी सुरक्षा के लिए ड्रोन नया खतरा बनकर उभरा है। हमने ड्रोन की चुनौती से निपटने के लिए दो तरह की एंटी ड्रोन रणनीति बनाई है। एक रणनीति ‘सॉफ्ट किल’ है और दूसरी ‘हार्ड किल’ है। ‘सॉफ्ट किल’ में ड्रोन का रास्ता मोड़ना और उसे जाम करना है और ‘हार्ड किल’ के तहत मार गिराना है। एक चुनौती यह भी है कि यह रडार पर नहीं आता, इसलिए छोटे और अत्याधुनिक रडार बनाने की जरूरत है। डीआरडीओ और कुछ निजी कंपनियां इस दिशा में काम कर रही हैं। तकनीक के साथ नए ड्रोन विकसित होते रहेंगे और हम एंटी ड्रोन बनाएंगे।

उन्होंने कहा कि भारतीय सेना में भी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का उपयोग होगा, लेकिन यह कभी भी मानव का स्थान नहीं ले सकता। यह इंसान की मदद के लिए होगा। इस पर डीआडीओ एक विस्तृत योजना पर काम कर रहा है।  जनरल नरवणे ने कहा कि अगला युद्ध अत्याधुनिक तकनीक से लड़ा जाएगा। जिसमें ड्रोन, डाटा कम्यूटिंग और रडार होगा। हम उसी की तैयार में जुटे हैं। हम सेना का आधुनिकीकरण कर रहे हैं। उदाहरण के लिए आने वाले समय में मौजूदा टैंक दिखाई नहीं देंगे। भविष्य के युद्ध के लिए भविष्य के टैंक तैयार किए जा रहे हैं।

संघर्ष विराम उल्लंघन की घटनाएं बढ़ीं : जनरल नरवणे का कहना है कि अनुच्छेद 370 हटाने जाने के बाद से सीमापार से संघर्ष विराम उल्लंघन की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है। कश्मीर हाथ से निकलने से पाकिस्तान परेशान है, इसलिए  नियंत्रण रेखा के पार से आईडी हमले, अम्बुश और आतंकवादी घटनाएं ज्यादा बढ़ी हैं, लेकिन हम चौकस हैं। पत्थरबाजी, आईडी ब्लास्ट और अम्बुश की घटनाएं न के बराबर घटी हैं।

ऐसा नहीं कि हम युद्ध की तैयारी नहीं कर रहे हैं :  जनरल नरवणे ने कहा उत्तर में भारत-चीन सीमा में अपेक्षाकृत शांति है। इस क्षेत्र में कभी-कभार सेना आमने -सामने होती है, लेकिन उग्रता नहीं होती। सेना हमेशा संभावित युद्ध की तैयारी में रहती है। उन्होंने कहा, सेना ने उत्तरी कमान को मजबूत किया है और ढांचागत विकास को प्राथमिकता दे रहे हैं। एनडीएफबी के 600 लोगों ने सरेंडर किया है। बोडोलैंड के हालात बदल रहे हैं। क्षेत्र में चुनाव जून-जुलाई में होंगे। सुरक्षा की समीक्षा करने के बाद सेना काफी हद तक हटा दी जाएगा।

रोशन/सहारा न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली


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