कोरोना वायरस को इंटरनेशनल इमरजेंसी घोषित करे WHO
चीन से शुरू हुआ कोरोना वायरस धीरे-धीरे कई देशों में फैल रहा है। रिपोर्ट्स की मानें तो चीन के कई लोगों में यह वायरस मिला है।
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इसके अलावा थाईलैंड, अमेरिका, हांगकांग, जापान, साउथ कोरिया, ताइवान और मैक्सिको के लोग भी इससे प्रभावित बताए जा रहे हैं। ऐसे में डॉक्टर इसे इंटरनेशनल पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित कराने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) से बैठक कर रहे हैं। अभी तक केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश में एक भी मामले की पुष्टि नहीं की है। फिर भी लोगों को अलर्ट रहने की एडवजाइजरी जारी की है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ: एशिया और ओशिनिया के मेडिकल एसोसिएशन के अन्तरराष्ट्रीय अध्यक्ष पद्मश्री डॉ. केके अग्रवाल के अनुसार कोरोना वायरस बेहद तेजी से फैल रहा है और इसके कारणों का भी पता नहीं चल पाया है। ऐसे में इसका ट्रीटमेंट करना बेहद मुश्किल है। चीन में इस वायरस की शुरुआत हुई और आज यह कई अन्य देशों को प्रभावित कर रहा है। इसे इंटरनेशनल पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित करने की जरूरत है जिसे लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन में आपात बैठक हो रही है। डॉ. अग्रवाल का कहना है कि इसे लेकर बुधवार को भी एक बैठक हुई और आज भी डब्ल्यूएचओ में बैठक हुई। इस बारे में दिल्ली स्थित डब्ल्यूएचओ की क्षेत्रीय निदेशक डॉ. पूनम खैतरपाल ने कहा कि दो चरणों में हमने समीक्षा बैठक कर हर पहलुओं पर सघनता से विचार विमर्श कर रहे हैं। जरूरी मानदंडों पर खरा पाए जाने पर ही इसे अन्तरराष्ट्रीय इमरजेंसी घोषित कर दिया जाएगा।
अब तक रहा वायरसों का आतंक : इंडियन आप्थलामालोजिकल सोसाइटी दिल्ली चैप्टर के अध्यक्ष एवं आई 7 के निदेशक डॉ. संजय चौधरी के अनुसार इससे पहले केवल पांच ऐसे वायरस हैं जिसके चलते डब्ल्यूएचओ को इंटरनेशनल पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित करनी पड़ी है। चीन का यह वायरस कई देशों में फैल रहा है तो भारत और अन्य देश इससे कैसे बच पाएंगे। हमें इस रणनीति पर कार्य करना है। वहीं मैक्स कैथलैब के निदेशक डा. विवेक कुमार ने कहा कि हमें वायरालोजी प्रक्रिया को और सघन करना होगा।
एयरपोर्ट, स्टेशन व अन्य ऐसे मागरे के जरिए भारत आने वाले मरीजों को तय स्वास्थ्य स्क्रीनिंग अनिवार्य करनी चाहिए। वहीं इंडियन हार्ट फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ. आरएन कालरा ने कहा कि अक्सर लोग भारत और चीन की यात्रा करते रहे हैं। कोई बड़ी बात नहीं होगी यदि इस दौरान यह वायरस इंडिया में भी प्रवेश कर जाए। हाल ही में चाइना में भारतीय मूल की एक शिक्षक में भी कोरोना वायरस पाया गया है। ऐसे में बेहद जरूरी है कि इससे बचने के लिए पुख्ता इंतजार किया जाए।
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