अनुच्छेद 370 के मामले वृहद पीठ को भेजने पर फैसला सुरक्षित
सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर से संबंधित अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं को वृहद पीठ के सुपुर्द करने या न करने के मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया है।
सुप्रीम कोर्ट |
जस्टिस एनवी रमन की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने याचिकाकर्ताओं और केंद्र सरकार की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया।
याचिकाकर्ताओं की ओर से दिनेश द्विवेदी, राजीव धवन और संजय पारिख ने दलीलें दीं जबकि अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने केंद्र सरकार का पक्ष रखा।
इससे पहले, सुनवाई की शुरुआत करते हुए वेणुगोपाल ने दलील दी कि अलगाववादी वहां जनमत संग्रह का मुद्दा उठाते आए हैं क्योंकि वह जम्मू कश्मीर को अलग संप्रभु राज्य बनाना चाहते थे। उन्होंने कहा कि महाराजा हरि सिंह ने भारत की मदद इसलिए मांगी थी क्योंकि वहां विद्रोही घुस चुके थे।
वहां पर आपराधिक घटनाएं हुईं और अलगाववादियों को पाकिस्तान से ट्रेनिंग दी गई ताकि यहां बर्बादी की जा सके। अटार्नी जनरल ने कहा कि जनमत संग्रह कोई स्थायी समाधान नहीं था। उन्होंने संविधान पीठ के समक्ष एक-एक कर ऐतिहासिक घटनाक्रम का ब्योरा दिया।
साथ ही कश्मीर का भारत में विलय और जम्मू कश्मीर संविधान सभा के गठन के बारे में विस्तार से बताया।
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