सीएए प्रदर्शन पर कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को लगाई फटकार, कहा, जामा मस्जिद पाकिस्तान में नहीं

Last Updated 14 Jan 2020 03:11:37 PM IST

दिल्ली की एक अदालत ने भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद के खिलाफ कोई सबूत नहीं दिखा पाने को लेकर मंगलवार को दिल्ली पुलिस की खिंचाई की।


अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कामिनी लाऊ ने कहा कि दिल्ली पुलिस ऐसे बर्ताव कर रही है जैसे कि जामा मस्जिद पाकिस्तान है और यदि ऐसा है तो भी कोई भी व्यक्ति वहां शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर सकता है।      

न्यायाधीश ने कहा कि पाकिस्तान एक समय अविभाजित भारत का हिस्सा था।      

अदालत की टिप्पणी आजाद की जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान आयी। आजाद को पुरानी दिल्ली के दरियागंज में सीएए विरोधी प्रदर्शन से जुड़े एक मामले में गिरफ्तार किया गया था।      

न्यायाधीश ने कहा, ‘‘संसद के अंदर जो बातें कही जानी चाहिए थीं, वे नहीं कही गयीं। यही वजह है कि लोग सड़कों पर उतर गये हैं। हमें अपना विचार व्यक्त करने का पूरा हक है लेकिन हम देश को नष्ट नहीं कर सकते।’’     

अदालत ने कहा, ‘‘आप ऐसे बर्ताव कर रहे हैं जैसे जामा मस्जिद पाकिस्तान हो और यदि वह पाकिस्तान है तो भी आप वहां जा सकते हैं और प्रदर्शन कर सकते हैं। पाकिस्तान अविभाजित भारत का हिस्सा था।’’      

अदालत ने पुलिस के जांच अधिकारी से उन सारे सबूतों को पेश करने को कहा जो दर्शाते हों कि आजाद जामा मस्जिद में सभा को कथित रूप से भड़काऊ भाषण दे रहे थे। जांच अधिकारी से ऐसा कानून भी बताने को कहा गया जिससे पता चले कि सभा असंवैधानिक थी। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख बुधवार तय की।      

सुनवाई के दौरान पुलिस ने कहा कि उसके पास सबूत के तौर पर बस सभा की ड्रोन तस्वीरें हैं, अन्य कोई रिकार्डिंग नहीं है।      

इस पर न्यायाधीश ने कहा, ‘‘ क्या आप सोचते हैं कि दिल्ली पुलिस इतनी पिछड़ी है कि उसके पास किसी चीज की रिकार्डिंग करने के यंत्र नहीं हैं?’’     

अदालत ने कहा, ‘‘मुझे कुछ ऐसी चीज या कानून दिखाइए जो ऐसी सभा को रोकता हो.. हिंसा कहां हुई? कौन कहता है कि आप प्रदर्शन नहीं कर सकते.. क्या आपने संविधान पढा है। प्रदर्शन करना किसी भी व्यक्ति का संवैधानिक अधिकार है।’’    
 

भाषा
नई दिल्ली


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