जामिया की वाइस चांसलर ने छात्रों को दिलाया भरोसा, कहा- दिल्ली पुलिस के खिलाफ जाएंगे कोर्ट

Last Updated 13 Jan 2020 03:02:21 PM IST

जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों के फिर से आंदोलन शुरू होने के बीच कुलपति प्रोफेसर नजमा अख्तर ने सोमवार को कहा कि छात्रों पर हुई पुलिस बर्बरता के खिलाफ मामला दर्ज कराने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाने का निर्णय लिया है।


कुलपति प्रोफेसर नजमा अख्तर

इसबीच छात्रों के आंदोलन से उपजे तनाव को देखते हुए जामिया प्रशासन ने सेमेस्टर की शेष परीक्षाएं अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी। परीक्षा की तिथि अब बाद में तय की जाएगी।

विश्वविद्यालय खुलने के बाद छात्रों ने कुलपति का घेराव किया और उनपर दबाव डाला कि पुलिस बर्बरता के खिलाफ मामला दर्ज करये और जब तक एफआईआर की प्रक्रिया पूरी ना हो सेमेस्टर की शेष परीक्षाएं स्थगित की जायें।

प्रोफेसर अख्तर ने यहां उनका घेराव करने आये छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि 15 दिसम्बर की घटना बहुत क्रूर थी। पुलिस के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की प्रक्रिया कल से शुरू कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस बिना प्रशासन की अनुमति के कैम्पस में आई और यहां के मासूम विद्यार्थियों की पिटाई की इस घटना की पहले दिन से ¨नदा कर रहे हैं। छाों के हक पुलिस के खिलाफ कानूनी लड़ाई जारी रहेगी।

हालांकि छात्र पुलिस के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की तिथि की मांग पर अड़े हैं। छाों का कहना है कुलपति उन्हें एक निश्चित तिथि बताएं कि कब अदालत में जाएगी औए कब एफआईआर कराई जाएगी।

कुलपति ने कहा कि नागरिकता कानून और एनआरसी के मुद्दे पर वह कुछ नहीं बोलेंगी।

गौरतलब है कि 15 दिसम्बर को नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन के बाद जामिया कैम्पस में घुसकर पुलिस ने लाइब्रेरी में तोड़फोड़ की थी तथा छात्रों को बेरहमी से पीटा था। उसके बाद जामिया प्रशासन ने पांच जनवरी तक छुट्टी की घोषणा कर दी लेकिन इस बीच भी कैम्पस के बाहर छात्रों और स्थानीय लोगों का नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन चलता रहा।छह जनवरी को दोबारा जामिया खुला और नौ जनवरी से सेमेस्टर परीक्षा की घोषणा की गई लेकिन पुलिस के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग को लेकर आज छात्रों ने परीक्षा का बायकॉट कर कुलपति का घेराव किया।

वार्ता
नई दिल्ली


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