उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा, हिन्दू शब्द से कुछ लोगों को एक तरह की एलर्जी है
उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि कुछ लोगों को हिन्दू शब्द से एक अलग तरह की एलर्जी है और लोगों के बीच मतभेद खड़ी करने वाली इस दीवार को गिराने की जरूरत है।
![]() उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू (फाइल फोटो) |
नायडू रविवार को स्वामी विवेकानंद जयंती के मौके पर आयोजित ‘श्री रामकृष्ण विजयम’ के शताब्दी समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने किसी का नाम लिए बगैर कहा कि देश में कुछ लोगों को हिन्दू शब्द से चिढ़ है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम उनकी कोई सहायता नहीं कर सकते और उनके पास अपने विचार रखने का अधिकार है, लेकिन वे सही नहीं हैं।’’
उन्होंने कहा कि धर्म के नाम पर लोगों में मतभेद नहीं है। धर्म इबादत की एक राह है और लोग वह इबादत कर सकते हैं, जो वे चाहते हैं।
स्वामी विवेकानंद को नमन करते हुए नायडू ने कहा कि स्वामी एक ऐसे देश से थे जिसने दुनिया के सभी देशों के मजलूम और शरणार्थियों को आश्रय दिया है।
नागरिकता संशोधन कानून को लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों की ओर से विरोध किये जाने के परिप्रेक्ष्य में उन्होंने कहा, ‘‘अब हम उन लोगों को स्वीकारने के लिए तैयार हैं, जो प्रताड़ना के शिकार हैं, लेकिन कुछ लोग इसे विवादास्पद बनाने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम सर्वधर्म सद्भावना का अनुसरण करते हैं, जो हमारे खून में है और हमारी तहजीब का हिस्सा है। हम सभी को हिंदू धर्म से जुड़ी अवधारणाओं, उपदेशों और परंपराओं को एक सही परिप्रेक्ष्य में समझना चाहिए।’’
उपराष्ट्रपति ने कहा, ‘‘वास्तव में हिन्दुत्व क्या है। यह एक सवाल है और इसे समझना है और इसका समुचित ढंग से विश्लेषण किया जाना है।’’
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