संसद आदेश देगी तो सेना PoK में कार्रवाई के लिए तैयार: सेना प्रमुख

Last Updated 11 Jan 2020 01:40:33 PM IST

थल सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने कहा कि अगर संसद पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को देश में शामिल करने का आदेश देती है तो सेना कार्रवाई करने के लिए तैयार है।


थल सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे

सेना प्रमुख ने आज यहां वार्षिक संवाददाता सम्मेलन में इस बारे में पूछे गये एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘जहां तक पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) की बात है, इस पर संसद ने कई वर्षों पहले एक प्रस्ताव पारित किया था कि समूचा तत्कालीन जम्मू और कश्मीर हमारा हिस्सा है। अगर संसद चाहती है कि यह इलाका हमारा हो तो आदेश मिलने पर निश्चित रूप से इस पर कार्रवाई की जायेगी।’’ 

उल्लेखनीय है कि संसद ने 1990 के दशक में सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया था जिसमें कहा गया है कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर सहित समूचा जम्मू और कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है।

भाजपा के वरिष्ठ नेता समय-समय पर कहते रहे हैं कि पाकिस्तान के कब्जे वाला जम्मू कश्मीर भारत का हिस्सा है और अब सरकार का अगला कदम इसे देश के नक्शे में मिलाना है।

पाकिस्तान की ओर से भी इस बारे में कई बार आशंका व्यक्त की गयी है कि मोदी सरकार उसके कब्जे वाले कश्मीर को भारत में मिलाना चाहती है।

जनरल नरवणे से यह भी पूछा गया था कि क्या उन्हें सरकार की ओर से पीओके पर कार्रवाई के बारे में कोई आदेश मिला है हालांकि उन्होंने इस बारे में सीधे तौर पर कुछ नहीं कहा।

‘सीडीएस की नियुक्ति सैन्य बलों के एकीकरण की दिशा में बहुत बड़ा कदम’

सेना प्रमुख ने प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) का पद सृजित करने को तीनों सैन्य बलों के एकीकरण की दिशा में ‘बहुत बड़ा कदम’ बताया और कहा कि सेना इसकी सफलता सुनिश्चित करेगी।

उन्होंने जोर देकर कहा कि संविधान के प्रति निष्ठा ‘हर वक्त हमारा मार्गदर्शन’ करेगा।

उन्होंने कहा, ‘‘संविधान में निहित न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व की भावना हमारा मार्गदर्शन करती रहेगी।’’    

जनरल नरवणे ने कहा कि प्रशिक्षण का फोकस भविष्य के युद्धों के लिए सेना को तैयार करने पर होगा, जो नेटवर्क केंद्रित और जटिल होगा।   

चीन द्वारा सीमावर्ती क्षेत्र में किये जा रहे सैन्य बुनियादी ढांचे के विस्तार को लेकर सेना प्रमुख नरवणे ने कहा, ‘‘हम उत्तरी सीमा पर उभरी चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमने उत्तरी सीमा पर तैयारियों का पुनर्संतुलन प्रारंभ किया है, जिसमें उन्नत हथियार प्रणाली की तैनाती शामिल है।’’    

उन्होंने कहा, ‘‘सीडीएस का गठन और सैन्य मामलों के विभाग का गठन एकीकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है। हम अपनी तरफ से इसकी सफलता सुनिश्चित करेंगे।’’    

सेना प्रमुख ने कहा, ‘‘एकीकरण सेना के भीतर भी होगा और एकीकृत युद्ध समूह इसका एक उदाहरण है। मैं सभी को आश्वस्त करना चाहता हूं कि एकीकरण की इस प्रक्रिया में हम सभी को साथ लेकर चलेंगे। कोई भी पीछे नहीं रहेगा।’’    

सेना प्रमुख के इस बयान से कुछ दिन पहले ही जनरल विपिन रावत ने भारत के पहले प्रमुख रक्षा अध्यक्ष का पदभार संभाला है।   

उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय सेना एक पेशेवर बल है, जो शांतकाल में, नियंत्रणरेखा पर और युद्ध क्षेत्र में सर्वाधिक पेशेवर और नैतिक तरीके से खुद को संचालित करती है।’’

वार्ता/भाषा
नयी दिल्ली


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