मोदी सरकार ने राजस्थान में पाकिस्तान से आए लोकस्ट (टिड्डी) से निपटने की पूरी तैयारी कर ली है और बॉर्डर इलाके में हालात का जायजा लेने के लिए सरकार के तीन मंत्रियों का दल रविवार को प्रदेश का दौरा करेंगे।
 |
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की अगुवाई में मंत्रियों का यह दल लोकस्ट यानी टिड्डियों के आतंक से प्रभावित राजस्थान के सीमावर्ती जिलों के दौरे पर जा रहे हैं जिनमें जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चौधरी शामिल होंगे।
कैलाश चौधरी ने गुरुवार को बताया कि पाकिस्तान की तरफ से आने वाली टिड्डियों को मारने के लिए विभाग ने पूरी तैयारी कर ली है और इसके लिए यूके से अत्याधुनिक मशीनें मंगवाई जा रही है जो अगले तीन दिनों के भीतर ये मशीनें टिड्डी प्रभावित क्षेत्र जैसलमेर और बाड़मेर पहुंच जाएंगी।
चौधरी ने कहा, "टिड्डियों से निपटने के लिए हमारे विभाग के कर्मचारी और अधिकारी बॉर्डर इलाके में तैनात हैं और स्थानीय किसान उनको सहयोग कर रहे हैं। हालात का जायजा लेने के लिए हमारे कैबिनेट मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और गजेंद्र सिंह शेखावत के साथ मैं खुद 12 जनवरी को वहां जा रहा हूं। हम वहां स्थिति का जायजा लेंगे और किसानों से भी रूबरू होंगे।"
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) भी इस समस्या से चिंतित हैं, इसलिए टिड्डियों के प्रकोप से निपटने के लिए सारे उपाय किए जा रहे हैं।
बताया जा रहा है कि केंद्रीय कृषि मंत्रालय यूके से उच्च प्रौद्योगिकी युक्त 10 माइक्रॉन स्प्रेयर मशीनें खरीदी हैं, जो जल्द ही टिड्डी प्रभावित इलाके में पहुंच जाएगी। इन मशीनों का फील्ड ट्रायल इथोपिया में हो चुका है और टिड्डियों का खात्मा करने में इन मशीनों का इस्तेमाल काफी कामयाब रहा है।
पाकिस्तान से आने वाली टिड्डियां राजस्थान के सीमावर्ती जिले जैसलमेर, जालोर और बाड़मेर में खेतों में लगी फसलों पर कहर बरपा रही हैं। इससे पहले टिड्डियों का खात्मा करने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल हो चुका है, लेकिन इनका आतंक इतना ज्यादा है कि व्यापक पैमाने पर इससे निपटने के उपाय करने की जरूरत है।
कैलाश चौधरी ने बताया कि टिड्डियों का प्रकोप गुजरात में भी था लेकिन गुजरात सरकार ने सक्रियता दिखाई और केंद्र सरकार का सहयोग किया जिससे दो दिनों के भीतर टिड्डियों का वहां खात्मा करने में सफलता मिली, लेकिन राजस्थान सरकार से बार-बार आग्रह करने पर भी सरकार ने सहयोग नहीं किया।
उन्होंने कहा, "राजस्थान सरकार अगर सहयोग करती तो टिड्डियों को आने से पहले ही रोका जा सकता था, लेकिन किसानों के लिए आपदा की स्थिति है, जब हम सबको किसानों के साथ खड़े रहना चाहिए। मैं समझता हूं कि किसानों के मामले में राजनीति नहीं होनी चाहिए।"
चौधरी ने टिड्डियों के आतंक के संबंध में बताया कि यह टिड्डी दल काफी तादाद में आता है और रात में जहां ठहरता है वहां एक टिड्डी रात में करीब 170 अंडे देती है और सात दिन बाद जब अंडों से निकलकर ये टिड्डियां बाहर आती हैं तो उनकी तादाद काफी बड़ी हो जाती है जो कहर बरपाती है।
उन्होंने कहा, "हमारे कर्मचारी इन स्थानों को चिन्हित कर सात दिन बाद वहां पहुंचते हैं और टिड्डियों का खात्मा करते हैं।"
उन्होंने बताया कि टिड्डियों से निपटने के लिए पूरी योजनाबद्ध तरीके से युद्ध स्तर पर कार्रवाई चल रही है।
राजस्थान के इन इलाकों में बाजरा, जीरा, इसबगोल व अन्य फसलों पर टिड्डियां कहर बरपा रही हैं। इन फसलों को टिड्डियों के प्रकोप से बचाने के लिए माइक्रोन स्प्रेयर मशीनें का इस्तेमाल करने की योजना बनाई गई है।
ये मशीनें खासतौर से टिड्डियों की समस्या का समाधान करने के लिए बनाई गई हैं, जिनमें माइक्रॉन रोटेरी केज स्प्रेयर टेक्नोलोजी का इस्तेमाल किया गया है इससे समुचित ढंग से छिड़काव किया जाता है।
| | |
 |