चालीस साल के बाद जेएनयू में शुल्क वृद्धि :सरकार
सरकार ने गुरुवार को राज्यसभा में कहा कि लगभग 40 साल के बाद दिल्ली के जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय(जेएनयू) के छात्रों को दी जाने वाली विभिन्न सुविधाओं और सेवाओं के शुल्क में वृद्धि की गयी है।
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मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने सदन में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि जेएनयू के अनुसार विश्वविद्यालय ने छात्रावासों के रखरखाव पर बढ़ते व्यय को पूरा करने के लिए और उन्हें ‘न लाभ न हानि’ के आधार पर चलाने के लिए लगभग 40 वर्ष के बाद कमरों के किरायें में वृद्धि की है।
एक कमरे (एकल) का किराया 10 रुपए बढ़ाकर 300 रुपए प्रति माह और कमरा (युगल) किराया 20 रुपए से बढ़ाकर 600 रुपए प्रति माह करने का प्रस्ताव किया गया है। अन्य सुविधाओं और सेवाओं का शुल्क 1000 रुपए प्रति माह करने का प्रस्ताव किया गया है। पहले यह शुल्क शून्य था। गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों के बच्चों को सभी मदों में 50 प्रतिशत शुल्क देना होगा।
उन्होंने बताया कि जेएनयू सहित सभी केंद्रीय विश्वविद्यालय स्वायत्त संस्थायें हैं और संबंधित अधिनियमों और संविधियों एवं उनके बनाये गये अध्यादेशों से संचालित होता है।
विश्वविद्यालय में शुल्क संशोधन सहित सभी प्रशासनिक और शैक्षिक निर्णय उनके सांविधिक निकायों जैसे शिक्षा परिषद, कार्यकारी परिषद और अन्य परिषदों के अनुमोदन से लिये जाते हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र स्तर पर इनके बारे में कोई सूचना नहीं रखी जाती है।
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