गांधी परिवार को पर्याप्त सुरक्षा कवर रहेगा : अमित शाह
गृह मंत्री अमित शाह ने आज स्पष्ट किया कि गांधी परिवार की सुरक्षा पुराने कानून के प्रावधानों के अनुरूप पेशेवराना सुरक्षा आकलन के बाद बदली गयी है और उन्हें केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल की ‘जेड प्लस विद एएसएल’ का पर्याप्त सुरक्षा कवर मिलता रहेगा।
![]() गृह मंत्री अमित शाह |
गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को लोकसभा में स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) संशोधन विधेयक 2019 पर चर्चा का जवाब देते हुए विपक्ष के आरोपों को नकारते हुए कहा कि गांधी परिवार की सुरक्षा बदलने का फैसला 1988 के पुराने कानून के तहत विशुद्ध पेशेवराना सुरक्षा आकलन के बाद किया गया है। नये कानून के बनने के बाद अगर किसी की सुरक्षा घटेगी तो श्री नरेन्द्र मोदी की घटेगी। श्री मोदी के प्रधानमंत्री पद से हटने के बाद छठवें साल एसपीजी कवर हट जाएगा।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, श्री राहुल गांधी और श्रीमती प्रियंका गांधी वाड्रा की सुरक्षा पुराने कानून के प्रावधानों के अनुरूप पेशेवराना सुरक्षा आकलन के बाद बदली गयी है और उन्हें केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल की ‘जेड प्लस विद एएसएल’ का पर्याप्त सुरक्षा कवर मिलता रहेगा।
गृह मंत्री ने कांग्रेस के राजनीतिक आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर, इंद्रकुमार गुजराल, पी वी नरसिंह राव और मनमोहन सिंह का एसपीजी सुरक्षा कवर भी पेशेवराना सुरक्षा आकलन के बाद वापस लेकर दूसरी प्रकार की सुरक्षा दी गयी थी लेकिन तब किसी ने कोई हो हल्ला नहीं मचाया।
उन्होंने कहा कि हर भारतीय की सुरक्षा की जिम्मेदारी हमारी सरकार की है और उसी के तहत गांधी परिवार के भी देश के नागरिक होने के नाते उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी हमारी है। उन्होंने कहा, ‘‘राजनीतिक प्रतिशोध मेरी पार्टी का संस्कार नहीं है। मैं आश्वस्त करता हूं कि उनकी सुरक्षा की पर्याप्त व्यवस्था की गयी है।’’
श्री शाह ने कहा कि जेड प्लस विद एएसएल सुरक्षा के तहत उनके दौरे के पहले स्थान का सुरक्षा बल दौरा करेंगे तथा उनके सुरक्षा दस्ते में एम्बुलेंस भी रहेगी। सुरक्षाकर्मियों की संख्या पहले से अधिक ही रहेगी, कम कतई नहीं होगी। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या की जांच के लिए गठित न्यायमूर्ति जे एस वर्मा आयोग की रिपोर्ट का उल्लेख किये जाने पर कहा कि सरकार ने भी उस रिपोर्ट को पढ़ा है और उसी से सबक लेकर एसपीजी हटाने से पहले सुरक्षा के वैकल्पिक पुख्ता इंतजाम किये हैं।
उन्होंने कहा कि डॉ सिंह की सुरक्षा में बदलाव के पहले गुप्तचर ब्यूरो के निदेशक ने उनसे भेंट की थी और उन्हें व्यक्तिगत रूप से पूरी जानकारी दी थी। इसके बाद उनके कार्यालय एवं सुरक्षा अधिकारियों की संयुक्त बैठक में हैंड ओवर टेक ओवर किया गया। लेकिन गांधी परिवार के मामले में सुरक्षा आकलन एक नहीं बल्कि दो बार किया गया था। जब एसपीजी के निदेशक ने फोन करके उनसे आने की अनुमति मांगी तो कहा गया कि आप जो चाहो कर लो। बाद में उनके स्टाफ के साथ मीटिंग में हैंड ओवर टेक ओवर हुआ।
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