गृहमंत्री अमित शाह ने आज राज्यसभा में कहा कि अवैध लोगों की पहचान के लिए पूरे देश में राष्ट्रीय भारतीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) लागू होगा और इसमें सभी धर्मों और संप्रदायों के लोगों को शामिल किया जाएगा।
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शाह ने सदन में प्रश्नकाल के दौरान एक पूरक प्रश्न के उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि लोगों में राष्ट्रीय भारतीय नागरिक रजिस्टर और नागरिकता अधिनियम में संशोधनों को लेकर भ्रम की स्थिति है जबकि ये दोनों अलग अलग हैं। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर असम में एनआरसी लागू किया जा रहा है और यह घुसपैठियों की पहचान करने के लिए हैं। उन्होंने कहा कि जब पूरे देश में एनआरसी लागू होगा तो असम में भी यह प्रक्रिया फिर होगी।
उन्होंने कहा कि असम में एनआरसी से बाहर रह गये लोगों की पूरी मदद की जाएगी और उनके लिए राज्य की प्रत्येक तहसील में एक न्यायाधिकरण स्थापित किया गया है। उन्होंने कहा कि गरीब लोगों को असम सरकार कानूनी सेवा उपलब्ध करायेगी।
उन्होंने कहा कि नागरिकता अधिनियम के प्रस्तावित संशोधन में पाकिस्तान, बंगलादेश और अफगानिस्तान से भारत आये हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी तथा इसाई धर्म के लोगों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है।