संवाददाता सम्मेलन के दौरान JNU छात्र-मीडिया में नोकझोंक
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) परिसर के अंदर मंगलवार को आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान कुछ टीवी मीडियाकर्मियों और छात्रों के बीच धक्का-मुक्की हो गई।
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जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ (जेएनयूएसयू) के सदस्यों ने सोमवार को संसद मार्च के दौरान घटी घटनाओं पर एक संवाददाता सम्मेलन बुलाया था। इस दौरान मीडिया द्वारा पूछे गए कुछ सवालों पर छात्रसंघ के लोग नाराज हो गए।
इससे दोनों पक्षों में वाकयुद्ध शुरू हो गया और नोकझोक शुरू होने लगी। इसके बाद संवाददाता सम्मेलन बंद कर दिया गया।
उल्लेखनीय है कि सोमवार को जेएनयू के सैकड़ों छात्रों ने छात्रावास और मेस का शुल्क बढ़ाने के विरोध में संसद के लिए एक मार्च निकाला। लेकिन छात्रों को संसद के आधे रास्ते में ही रोक दिया गया, जिसके बाद छात्र वहीं धरने पर बैठ गए और घंटों तक सड़क जाम रहा। पुलिस ने इस दौरान छात्रों की पिटाई भी की।
दिल्ली पुलिस ने छात्रों के विरोध प्रदर्शन के सिलसिले में मंगलवार को दो प्राथमिकी दर्ज की है।
पुलिस उपायुक्त (दक्षिण) अतुल कुमार ठाकुर के अनुसार अरबिंदो मार्ग पर सोमवार की घटना के सिलसिले में आईपीसी की धाराओं 186 (लोक सेवक के सरकारी कार्य के निर्वहन में बाधा डालना), 353 (सरकारी कर्मचारी पर हमला कर या उस पर बल का इस्तेमाल कर उसे उसकी ड्यूटी निभाने से रोकना), 332 (सरकारी कर्मचारी को उसे अपना कर्तव्य निभाने से रोकने के लिए चोट पहुंचाना) और धारा 188 के तहत लोधी कॉलोनी पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया है।
ठाकुर ने बताया कि प्राथमिकी में आईपीसी की धाराओं 147 (दंगे के लिए सजा), 148 (दंगा, घातक हथियार से लैस), 149 (विधिविरुद्ध जनसमूह का हर सदस्य, समान लक्ष्य को पूरा कराने में किए गए अपराध का दोषी), 151 (पांच या अधिक व्यक्तियों का समूह जिसे तितर-बितर होने का आदेश दिए जाने के बाद भी जानबूझकर उसमें शामिल होना या बने रहना), 34 (समान मंशा को आगे बढाने में कई व्यक्तियों द्वारा किये गये कृत्य) और लोक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम की धारा तीन को भी जोड़ा गया है।
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