संजय निरुपम खफा, बोले- लगता है कांग्रेस को मेरी सेवा की जरूरत नहीं
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के लिए टिकट वितरण को लेकर कांग्रेस नेताओं में अंदरूनी कलह उस वक्त सामने आ गई जब पार्टी की मुंबई इकाई के पूर्व प्रमुख संजय निरुपम ने कहा कि ऐसा लगता है कि पार्टी को उनकी सेवाओं की जरूरत नहीं है और ऐसे में वह प्रचार नहीं करेंगे।
![]() संजय निरुपम (फाइल फोटो) |
सूत्रों के मुताबिक निरुपम मुंबई की वर्सोवा विधानसभा सीट से अपने किसी करीबी के लिए टिकट चाहते थे, लेकिन पार्टी ने इनकार कर दिया।
निरुपम ने बताया, ‘‘मैं मुंबई कांग्रेस का अध्यक्ष और सांसद रहा हूं। मैंने सिर्फ एक सीट के लिए आग्रह किया था। फिर मेरी नहीं सुनी गई। ऐसा क्यों है?’’
उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि पार्टी को मेरी सेवा की जरूरत नहीं है। इसलिए मैंने निर्णय किया है कि प्रचार से दूर रहूंगा।’’
यह पूछे जाने पर कि क्या उनकी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से कोई बात हुई तो उन्होंने कहा कि उनके साथ उनकी कोई बात नहीं हुई।
उन्होंने इससे भी इनकार किया कि वह अब पार्टी छोड़ रहे हैं।
इससे पहले उन्होंने ट्वीट कर कहा कि पार्टी नेतृत्व उनसे जिस तरह का व्यवहार कर रहा है, उसे देखते हुए वह दिन दूर नहीं जब वह पार्टी को अलविदा कह देंगे।
निरुपम ने पार्टी के किसी नेता का नाम लिए बिना ट्विटर पर कहा, ‘‘ऐसा प्रतीत होता है पार्टी मेरी सेवाएं अब और नहीं चाहती। मैंने विधानसभा चुनाव के लिए मुंबई में सिर्फ एक नाम सुझाया था। सुना है कि इसे भी खारिज कर दिया गया है। जैसा कि मैं पार्टी नेतृत्व को पूर्व में बता चुका था, ऐसी स्थिति में मैं चुनाव प्रचार में भाग नहीं लूंगा। यह मेरा अंतिम फैसला है।’’
उन्होंने उस व्यक्ति के नाम का भी उल्लेख नहीं किया जिसे वह उम्मीदवार बनवाना चाहते थे।
पार्टी नेताओं के एक तबके की शिकायत के बाद निरुपम को इस साल लोकसभा चुनाव से पहले मार्च में मुंबई कांग्रेस प्रमुख के पद से हटा दिया गया था।
उनके खिलाफ शिकायत की गई थी कि वह ‘एकतरफा ढंग’ से काम करते हैं।
निरुपम की जगह पूर्व केंद्रीय मंत्री मिलिन्द देवड़ा को मुंबई कांग्रेस का प्रमुख बनाया गया था।
हालांकि, देवड़ा ने आम चुनाव में पार्टी की हार के बाद पिछले महीने पद से इस्तीफा दे दिया था।
पार्टी लोकसभा चुनाव में मुंबई की छह सीटों में से एक पर भी चुनाव नहीं जीत पाई थी।
वर्तमान में मुंबई कांग्रेस के कार्यवाहक अध्यक्ष पूर्व सांसद एकनाथ गायकवाड़ हैं।
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