भारतीय सुरक्षाबल सभी चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार : राजनाथ

Last Updated 25 Sep 2019 03:11:48 PM IST

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को कहा कि भारतीय सुरक्षाबल सीमा पार से सभी चुनौतियों का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार है।


रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

श्री सिंह ने चेन्नई पोर्ट ट्रस्ट में आईसीजी शिप वराह को बेड़े में शामिल किए जाने के बाद संवाददाताओं से पाकिस्तान के बालाकोट में स्थित आतंकवादी शिविरों के फिर से सक्रिय होने के सेनाध्यक्ष बिपिन रावत के दावे के बारे में पूछे जाने पर यह प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा ‘‘ चिंता न करें कि हमारे सुरक्षा बल पूरी तरह से तैयार हैं। ’’

उल्लेखनीय है कि जनरल रावत ने सोमवार को ओटीए में संवाददाताओं से कहा कि पाकिस्तान ने हाल ही में बालाकोट में आतंकी शिविरों को सक्रिय किया है तथा कम से कम 500 घुसपैठिए सीमा पार से भारत में घुसपैठ करने का इंतजार में है।

श्री सिंह ने कहा कि भारतीय सुरक्षा बलों को किसी भी तरह की चुनौती का सामना करने के लिए तैयार किया गया है। उन्होंने दृढ़तापूर्वक संकेत दिया कि भारत की प्रतिक्रिया बालाकोट के समान अथवा उससे भी अधिक हो सकता है

उन्होंने कहा, ‘‘ पाकिस्तान आतंकवादियों को हमारे क्षेत्र में प्रवेश कराने के लिए संघर्ष विराम का उल्लंघन करता है। हम जानते हैं उससे कैसे निपटा जाये।

उन्होंने कहा कि हमारे सैनिकों को पता है कि स्वयं उन्हें कैसे उनके खिलाफ कार्रवाई करनी है। हम सतर्क हैं और यह सुनिश्चित करेंगे कि घुसपैठ नाकाम किया जाये।’’

एक सवाल में जब उनसे पूछा गया कि क्या बालाकोट दोहराया जायेगा। वापस ‘‘क्यों दोहराएं। उससे आगे क्यों नहीं। उन्हें अनुमान लगाते रहने दें। ’’

श्री सिंह ने ये भी कहा कि केन्द्र सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ के तहत भारतीय नौसेना के 2015 से 2030 तक स्वदेशीकरण की योजना है तथा इसके लिये दिशानिर्देश दस्तावेज तैयार किये गये है। इस योजना का उद्देश्य अगले 15 वर्षो में स्वदेशी उपकरणों के विकास के लिये सक्षम करना है।

उन्होंने उद्योग क्षेत्र से कड़े मानकों को पूरो करने वाले उपकरणों के विकास के लिये निवेश करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, ‘‘हमने अन्य शिपयार्ड को प्रोत्साहित करने का निर्णय लिया है। निजी यार्ड सहित युद्धपोत-निर्माण के क्षेत्र में प्रवेश करने के लिए उत्साहजनक है।’’

उन्होंने कहा कि 1972 में आईएनएस नीलगिरी के बेडे में शामिल गया था। जिसे काफी समय हो चुका है।

उन्होंने कहा कि स्वच्छ महासागर आर्थिक समृद्धि और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण हैं। आईसीजी के बेडे में शमिल होने से ‘स्वच्छ भारत अभियान’ को आगे बढ़ाते हुए ‘स्वच्छ सागर अभियान’तक ले जाना एक स्वागत योज्ञ और सराहनीय कदम है।

उन्होंने कहा कि वराह जहाज प्रदूषण उपकरण ले जाने में सक्षम है।

वार्ता
चेन्नई


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