जो जेल जाते हैं, वे नेता बनते हैं : सत्यपाल मलिक

Last Updated 29 Aug 2019 05:19:35 PM IST

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद मुख्यधारा के सियासतदानों को हिरासत में रखने को राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने यह कहते हुए न्यायोचित ठहराने की कोशिश की कि जितना ज्यादा वक्त वे जेल में रहेंगे उन्हें उतना ही राजनीतिक फायदा मिलेगा।


राज्यपाल सत्यपाल मलिक

जम्मू-कश्मीर से संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को हटाने के बाद मुख्यधारा के सियासतदानों को हिरासत में रखने को राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने यह कहते हुए न्यायोचित ठहराने की कोशिश की कि जितना ज्यादा वक्त वे जेल में रहेंगे उन्हें उतना ही राजनीतिक फायदा मिलेगा।

इस महीने पांच तारीख को केंद्र द्वारा जम्मू-कश्मीर के विशेष राज्य के दर्जे को खत्म किए जाने के बाद पहली बार पत्रकार वार्ता कर रहे मलिक से तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों और अन्य सियातसतदानों को हिरासत में लेने तथा उन्हें रिहा करने के बारे में पूछा गया था।       

सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को नजरबंद किया हुआ है।      

राज्यपाल ने कहा, ‘‘क्या आप नहीं चाहते हैं लोग नेता बनें। मैं 30 बार जेल गया हूं। जो लोग जेल जाते हैं, वे नेता बनते हैं। उन्हें वहां रहने दें। जितना ज्यादा वक्त वे जेल में बिताएंगे, चुनाव प्रचार के समय उतना ही वे दावे कर पाएंगे। मैंने छह महीने जेल में गुज़ारे हैं।’’       

उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए अगर आपको उनसे हमदर्दी है, तो उन्हें हिरासत में लेने से दुखी नहीं हों। वे सभी अपने घरों में हैं। मैं आपातकाल के दौरान फतेहगढ जेल में था जहां पहुंचने में दो दिन लगते थे। अगर किसी मुद्दे पर किसी को हिरासत में लिया जाता है और उसकी मर्जी है तो वह राजनीतिक लाभ लेगा।’’

    

फारूक अब्दुल्ला अपने घर में हैं, जबकि उनके बेटे उमर हरि निवास में हैं। वहीं महबूबा मुफ्ती को चश्मेशाही में रखा गया है।

भाषा
श्रीनगर


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