लालकिले से बोले PM मोदी- हम न समस्याओं को टालते हैं, न पालते हैं

Last Updated 15 Aug 2019 09:39:43 AM IST

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि अनुच्छेद 370 और 35ए को समाप्त किये जाने को सरदार पटेल के सपना पूरा किया और इसके साथ ही ‘एक देश एक संविधान’ लागू कर दिया गया।


प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

मोदी ने 73वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर ऐतिहासिक लालकिले के प्राचीर से राष्ट्र को सम्बोधित करते हुए कहा, ‘‘हम समस्यों को न टालते हैं, न पालते हैं और अब समस्याओं को टालने और पालने का समय नहीं है। देशवासियों ने जो काम दिया, हम उसे पूरा कर रहे हैं।’’ 

उन्होंने कहा कि सत्तर साल में अनुच्छेद 370 को हटाया नहीं गया, लेकिन उनकी सरकार ने 70 दिन के भीतर उसे समाप्त कर दिया। संसद के दोनों सदनों ने इस प्रस्ताव को दो तिहाई से अधिक बहुमत से पारित कर दिया। अब यह इतिहास बन चुका है। अनुच्छेद 370, 35ए के हटने से अब ‘वन नेशन, वन कंस्टीट्यूशन’ की भावना वास्तविकता में बदल गयी है।

उन्होंने कहा कि देश की 130 करोड़ जनता की यह जिम्मेदारी थी कि वह जम्मू कश्मीर के लोगों के सपनों को पूरा करे और हमने वहां की जनता की आकांक्षाएं पूरी करने के रास्ते में आ रही बाधाओं को दूर कर दिया है और सरदार पटेल के सपनों को पूरा करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है।

पीले और गुलाबी रंग के साफे और धवल वस्त्र में सुसज्जित प्रधानमंत्री ने छठी बार लाल किले से ध्वजारोहण करते हुए विपक्ष पर वार भी किया कि अनुच्छेद 370 को हटाने के लिए हर कोई प्रखर रूप से समर्थन देता रहा, लेकिन राजनीति के गलियारों में चुनाव के तराजू से तौलने वाले कुछ लोग 370 के पक्ष में कुछ-कुछ कहते रहे हैं। अनुच्छेद 370 इतना अच्छा था तो 70 साल में इसे स्थायी क्यों नहीं कर दिया गया था।

उन्होंने कहा, ‘‘हम समस्यों को न टालते हैं, न पालते हैं और अब समस्याओं को टालने और पालने का समय नहीं है।’’

मोदी ने कहा कि अनुच्छेद 370 और 35ए की पुरानी व्यवस्था से जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद, परिवारवाद और भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता था। लेकिन अब इसे समाप्त कर दिया गया है।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि अनुच्छेद 370 के कारण घाटी के लोगों को कई सुविधाओं का फायदा नहीं मिल पा रहा था। यहां पर भ्रष्टाचार और अलगाववाद ने अपने पैर जमा लिये थे। वहां के दलितों, गुर्जर समेत अन्य लोगों को उनके अधिकार नहीं मिल पा रहे थे, जो अब उन्हें मिलने वाले हैं। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख सुख समृद्धि और शांति की दृष्टि से देश के लिए प्रेरक बन सकते हैं और विकास यात्रा में बहुत बड़ा योगदान दे सकते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘नयी सरकार को 10 हफ्ते भी नहीं हुए हैं, लेकिन इस छोटे से कार्यकाल में सभी क्षेत्रों में हर प्रयास को बल दिए गए हैं, हम पूरे समर्पण के साथ सेवारत हैं।’’     

मोदी ने कहा कि मुस्लिम महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए तीन तलाक के खिलाफ कानून बनाया गया और आतंकवाद के खिलाफ मजबूती से लड़ाई लड़ने के लिए आतंकवाद विरोधी कानून में संशोधन किया गया।    

मोदी ने ‘जनसंख्या विस्फोट’ पर चिंता जताई

प्रधानमंत्री मोदी ने देश में आबादी नियंत्रण के लिये छोटे परिवार पर जोर दिया और कहा कि आबादी समृद्ध हो, शिक्षित हो तो देश को आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता।    

मोदी ने कहा कि बेतहाशा बढ़ रही जनसंख्या चिंता का विषय है। आने वाली पीढ़ियों के लिए नयी चुनौतियां पेश करता है। इससे निपटने के लिए केन्द्र और राज्य सरकारों को कदम उठाने चाहिए।    

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि समाज का एक छोटा वर्ग जो अपना परिवार छोटा रखता रहा है, वह सम्मान का हकदार है। जो वे कर रहे हैं वह एक प्रकार की देशभक्ति है।     

मोदी ने कहा कि अगर जनता शिक्षित और स्वस्थ है तो देश भी शिक्षित और स्वस्थ बनेगा। 

उन्होंने कहा कि जीएसटी ने ‘एक देश, एक कर‘ के सपने को सच किया, भारत ने ऊर्जा के क्षेत्र में एक देश, एक ग्रिड की उपलब्धि भी हासिल की है।      

प्रधानमंत्री ने ‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’ पर दिया जोर

मोदी ने कहा कि अब चर्चा एक देश एक चुनाव को लेकर है, यह देश को महान बनाने के लिए अनिवार्य है।    

उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार और कालाधन समाप्त करने के लिये उठाये गये हर कदम स्वागत योग्य हैं, इन समस्याओं के कारण देश को पिछले 70 साल में काफी नुकसान हुआ, हम हमेशा ईमानदारी को पुरस्कृत करेंगे।    

मोदी ने कहा, ‘‘आज देश में 21वीं सदी की आवश्यकता के मुताबिक आधुनिक बुनियादी ढांचे का निर्माण हो रहा है। देश के बुनियादी ढांचे के निर्माण पर 100 लाख करोड़ रुपए का निवेश करने का फैसला किया गया है।’’

इंफ्रास्ट्रक्चर पर 100 लाख करोड़ का निवेश: मोदी

उन्होंने कहा, ‘‘हमें अपने घर में ही गरीबी से मुक्ति पर बल देना है और यह किसी पर उपकार नहीं है।’’

उन्होंने 21वीं सदी में भारत को मजबूत बनाने के बारे में विचार करने की आवश्यकता जताते हुए कहा, ‘‘अब समय आ गया है कि हम लोगों के सपने पूरा करने और 21वीं सदी के भारत के बारे में सोचना शुरू करें।’’

उन्होंने कहा कि पांच साल पहले लोग यह सोचते थे कि क्या देश बदलेगा या क्या बदलाव हो सकता है? लेकिन आज लोग यह कह रहे हैं, ‘‘हां मेरा देश बदल सकता है।’’

उन्होंने यह भी कहा कि ‘सबका साथ, सबका विकास’ का मंत्र लेकर साथ चले थे, लेकिन पांच साल में ही देशवासियों ने ‘सबका विश्वास’ के रंग से पूरे माहौल को रंग दिया है।

मोदी ने कहा कि यदि 2014 से 2019 तक आवश्यकताओं की पूर्ति का दौर था तो 2019 के बाद का कालखंड देशवासियों की आकांक्षाओं की पूर्ति और उनके सपनों को पूरा करने का कालखंड है। देश में आज 21वीं सदी की आवश्यकता के मुताबिक आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण हो रहा है और इस पर 100 लाख करोड़ रुपये निवेश करने का फैसला किया गया है।

'संपत्ति सृजित करने वालों को संदेह से नहीं देखें, वे देश की पूंजी हैं'

मोदी उद्योग जगत के साथ भी मुस्तैदी से खड़े दिखे। उन्होंने कहा कि संपत्ति सृजन सबसे बड़ी देश सेवा है।

उन्होंने कहा, ‘‘संपत्ति सृजित करने वालों को कभी भी संदेह की नजर से नहीं देखें। जब सम्पत्ति सृजित होगी तभी संपत्ति का वितरण हो सकता है।’’       

मोदी ने कहा, ‘‘संपत्ति सृजन बहुत जरूरी है। जो देश में संपत्ति सृजित कर रहे हैं, वे भारत की पूंजी और हम उसका सम्मान करते हैं।’’

वार्ता/भाषा
नयी दिल्ली


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