कर्नाटक संकट : कांग्रेस के 5 और विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट का खटखटाया दरवाजा

Last Updated 13 Jul 2019 12:23:57 PM IST

कर्नाटक के पांच और विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर विधानसभा अध्यक्ष को उनके इस्तीफे स्वीकार करने के निर्देश देने का अनुरोध किया है।


प्रतिकात्मक फोटो

उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर करने वाले विधायकों में सुधाकर, रोशन बेग, एमटीबी नागराज, मुनिरत्न तथा आनंद सिंह शामिल हैं। न्यायालय मंगलवार को अन्य विधायकों की याचिकाओं के साथ इन पांच विधायकों की याचिका पर सुनवाई करेगा। विधानसभा अध्यक्ष द्वारा उनके इस्तीफे स्वीकार नहीं किए जाने के कारण इन पांचों विधायकों ने शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया है।

कर्नाटक में विधानसभा से 10 विधायकों के इस्तीफे देने के कारण राज्य में राजनीतिक संकट बढ़ गया है। विधानसभा अध्यक्ष ने अब तक इन विधायकों के इस्तीफे स्वीकार नहीं किये हैं।

कर्नाटक में जारी राजनीतिक अस्थिरता के बीच वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने विधानसभा से इस्तीफा देने वाले असंतुष्ट विधायकों को मनाने के लिए पर्दे के पीछे से बातचीत शुरू कर दी है।

मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने विधानसभा में सभी को हैरान करते हुए घोषणा की कि वह विश्वास मत कराएंगे जिसके एक दिन बाद असंतुष्ट विधायकों को मनाने की कोशिशें तेज कर दी गई हैं।         

कांग्रेस के संकटमोचक माने जाने वाले एवं जल संसाधन मंत्री डी के शिवकुमार सुबह करीब पांच बजे आवास मंत्री एम टी बी नागराज के आवास पहुंचे और वह उन्हें मनाने के लिए करीब साढे चार घंटे तक वहां रहे।         

खबरों के अनुसार, उपमुख्यमंत्री जी परमेर भी नागराज को इस्तीफा वापस लेने के लिए मनाने के वास्ते उनके घर गए।नागराज ने बुधवार को विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था। इसी तरह विधायक रामलिंगा रेड्डी, मणिरत्न और आर रोशन बेग को मनाने की कोशिश की गई।         

जद (एस) में सूत्रों ने बताया कि कुमारस्वामी इस्तीफा देने वाले कम से कम चार कांग्रेस विधायकों के साथ सीधे संपर्क में हैं और उन्हें उम्मीद है कि वे अपने इस्तीफे वापस ले लेंगे।         
संभवत: आगामी सप्ताह में विश्वास मत के मद्देनजर विधायकों को एकजुट रखने की कवायद के तहत कांग्रेस और भाजपा दोनों ने अपने विधायकों को होटल और रिजॉर्ट में भेज दिया है।         

इन घटनाक्रमों पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बी एस येदियुरप्पा ने कहा कि इन प्रयासों का कोई नतीजा नहीं निकलेगा क्योंकि सरकार का पतन ‘‘निकट’’ है।         
येदियुरप्पा ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘कांग्रेस और जद(एस) में भ्रम है जिसके कारण विधायक पार्टी छोड़ रहे हैं। विधायकों को वापस लाने के लिए एक व्यवस्थागत साजिश चल रही है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘माहौल अराजक है और सरकार का पतन आसन्न है।’’         

येदियुरप्पा ने दावा किया कि राज्य सरकार बहुमत खो चुकी है। उन्होंने कहा कि विास मत कराना ‘‘निर्थक’’ है।         

उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कांग्रेस-जद(एस) गठबंधन के 10 असंतुष्ट विधायकों के इस्तीफे पर अध्यक्ष को 16 जुलाई तक यथास्थिति बरकरार रखने के आदेश दिए थे जिसके बाद कुमारस्वामी ने सदन में विास मत कराने की घोषणा कर दी।         

कर्नाटक में पिछले साल त्रिशंकु विधानसभा के बाद गठबंधन सरकार बनी थी। तब से ही सरकार उतार-चढाव के कई दौर से गुजरी है। सरकार अब गंभीर संकट से गुजर रही है। उसके 16 विधायकों ने विधानसभा से इस्तीफा दे दिया है। इनमें से 16 विधायक कांग्रेस के और तीन जद(एस) के हैं।         

सत्तारूढ गठबंधन में अध्यक्ष को छोड़कर कुल 116 विधायक (कांग्रेस के 78, जद(एस) के 37 और बसपा के 1) हैं।         

दो निर्दलीय विधायकों के समर्थन के साथ 224 सदस्यीय सदन में भाजपा के विधायकों की संख्या 107 है। अगर 16 विधायकों के इस्तीफे मंजूर किए जाते हैं तो गठबंधन की संख्या घटकर 100 रह जाएगी। 

वार्ता/भाषा
बेंगलुरू


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