क्रांतिकारी होगा मोदी-2 सरकार का बजट

Last Updated 04 Jul 2019 04:06:43 AM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बार क्रांतिकारी बजट पेश करने का संकेत दिया है। सरकार समाज के प्रत्येक वर्ग को कुछ न कुछ सौगात देगी।


वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (फाइल फोटो)

मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए सुधारात्मक कदम उठाने के साथ गृहणियों और पांच लाख से 10 लाख रुपये तक आय वालों को राहत देने वाला होगा। एक महिला वित्तमंत्री के रूप में निर्मला सीतारमण पहला बजट पेश कर रही हैं।
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण संसद में बृहस्पतिवार को आर्थिक सर्वे प्रस्तुत करेंगी। पांच जुलाई को पूर्ण बजट पेश किया जाएगा। आम चुनाव में जाने से पहले सरकार ने अंतरिम बजट पेश किया था। अंतरिम बजट में बहुत सारी सौगातें दी थी। तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि बहुत करना बाकी रह गया है, अंतरिम बजट की अपनी सीमाएं होती हैं। उन्होंने इशारा किया था कि पूर्ण बजट में बाकी कसर पूरी करेंगे।
उज्ज्वला का चूल्हा सालभर जलते रहने का इंतजाम : गरीब महिलाओं के सामने एक बड़ी समस्या है कि उन्हें उज्ज्वला योजना के तहत गैस कनेक्शन, सिलेंडर और चूल्हा तो मिल गया है लेकिन कुछ मामलों में महिलाएं दूसरी बार गैस नहीं भरा रही हैं। इसकी वजह है कि गैस एजेंसी सिलेंडर और चूल्हा बिना कोई धन लिये देते हैं, लेकिन दूसरी बार गैस भराते वक्त उनसे सिलेंडर और चूल्हे की कीमत की एक किस्त काटी जाती है, जिससे सिलेंडर महंगा हो जाता है। ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों की महिलाओं को लकड़ी वाले चूल्हे में खाना बनाना ज्यादा सस्ता होता है। मोदी सरकार इस बार कुछ ऐसा करेगी कि उनका चूल्हा सालभर जलता रहे।

5-10 लाख रुपये की आय वालों को राहत : बजट में पांच से 10 लाख रुपये की आय वालों को राहत दी जाएगी। अंतरित बजट में सरकार ने पांच लाख रुपये की आय को कर मुक्त कर दिया था। लेकिन जैसे ही आय पांच लाख रुपये से ऊपर जाती है तो आयकर 20 प्रतिशत और चार प्रतिशत उपकर थोप दिया जाता है।  सरकार में मंथन चल रहा है कि 5 से 7.50 लाख रुपये की आयकर के लिए नया स्लेब बनाया जाए अैर 7.50 लाख से 10 लाख रुपये की आय को 20 प्रतिशत से कम किया जाए। क्योंकि मध्यम वर्ग की आय 10 लाख रुपये सालाना ही सिमट जाती है।
अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के उपाय : चूंकि यह पहला बजट है, इसलिए सरकार के पास कठोर कदम उठाने के लिए पहले दो साल ही होते हैं। उम्मीद भी की जा रही है कि देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए कुछ कठोर कदम उठाए जा सकते हैं। देश को पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए देश को 10 प्रतिशत की विकास दर चाहिए। अभी जीडीपी दर करीब 7 प्रतिशत की है और अगले साल 7.5 प्रतिशत होने की भविष्यवाणी की गई है।

रोशन/सहारा न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली


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