राष्ट्रपति शासन की अवधि बढाने की दलील अस्वीकार्य: उमर

Last Updated 29 Jun 2019 12:40:09 AM IST

नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को कहा कि जम्मू कश्मीर में राष्ट्रपति शासन की अवधि बढाने के लिए संविधान के अनुच्छेद 356 के इस्तेमाल को सही ठहराने संबंधी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की दलील ‘अस्वीकार्य’ है।


नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला

नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला का जम्मू कश्मीर में राष्ट्रपति शासन की अवधि बढाने के लिए अस्वीकार्य का बयान तब आया है जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू कश्मीर में तीन जुलाई से अगले छह महीने के लिए राष्ट्रपति शासन की अविध बढाने के लिए लोकसभा में सांविधिक प्रस्ताव पेश किया।      

बाद में सदन में इस प्रस्ताव पर बहस का जवाब देते हुए गृह मंत्री ने कांग्रेस पर पलटवार किया और कहा कि अनुच्छेद 356 (राष्ट्रपति शासन) 132 बार लगाया गया है जिनमें से 93 बार विपक्षी दल ने राज्य सरकारों को बर्खास्त करने के लिए इस्तेमाल किया।      

अब्दुल्ला ने ट्वीट किया, ‘‘अतएव गृहमंत्री की यह दलील कि चूंकि कांग्रेस ने किसी भी अन्य की तुलना में अधिक बार अनुच्छेद अनुच्छेद 356 का इस्तेमाल किया है, इसलिए मोदी सरकार भी जम्मू कश्मीर के लोगों को निर्वाचित सरकार से वंचित रखने में सही है। यह अस्वीकार्य दलील है।’’      

जम्मू कश्मीर में जून 2018 में पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार के गिर जाने के बाद से निर्वाचित सरकार नहीं है।      



इस माह के प्रारंभ में चुनाव आयोग ने कहा था कि वह अमरनाथ यात्रा के समापन के बाद राज्य में विधानसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा करेगा। एक जुलाई को शुरू हुई यह यात्रा 15 अगस्त को समाप्त होगी।

भाषा
श्रीनगर


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