जलवायु परिवर्तन के मामले में भारत दबाव में नहीं आएगा
भारत ने बृहस्पतिवार को स्पष्ट किया कि जलवायु परिवर्तन के मामले में वह विकसित देशों के किसी भी दबाव में नहीं आएगा।
पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर (file photo) |
इस संबंध में होने वाले आगामी अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में प्रौद्योगिकी स्थानांतरण और जलवायु परिवर्तन के उपायों के लिए विकसित देशों को दी जाने वाली आर्थिक मदद के मुद्दों को अन्य विकासशील देशों के साथ मजबूती से उठाएगा।
पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने राज्यसभा में जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर ध्यानाकषर्ण प्रस्ताव के जरिये हुई चर्चा के जवाब में सदस्यों को आश्वासन देते हुए यह बात कही। चर्चा में जलवायु परिवर्तन के कारण भारत पर बड़े पैमाने पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभावों को लेकर विभिन्न दलों के सदस्यों ने चिंता जताई और सरकार से इस मामले में विकसित देशों के दबाव में नहीं आने को कहा। जावड़ेकर ने कहा, हम किसी के दबाव में नहीं आएंगे। हम भारत के हित में ही काम करेंगे। उन्होंने कहा, जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने के लिए विकसित देशों ने 100 अरब डॉलर विकासशील देशों को देने के लिए कहा था। साथ ही प्रौद्योगिकी स्थानांतरण के लिए भी कहा था। जावड़ेकर ने कहा अभी तक विकासशील देशों को दस अरब डॉलर भी नहीं दिए गए हैं।’’ उन्होंने सदस्यों को आश्वासन दिया कि जलवायु परिवर्तन के संबंध में आगे जो भी अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन होगा, उसमें भारत विकासशील देशों के साथ प्रौद्योगिकी स्थानांतरण और आर्थिक मदद देने के मामले में विकसित देशों पर दबाव बनाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि जब तक देश में जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए जन आंदोलन नहीं छेड़ा जाएगा, हम इससे पूरी तरह से पार नहीं पा पाएंगे। उन्होंने कहा, सरकार पर्यावरण की रक्षा करते हुए विकास करने के लक्ष्य के साथ काम कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के प्रति गंभीर है। सरकार ने सभी उद्योगों के उत्सर्जन मानकों में बदलाव किये हैं।
पर्यावरण मंत्री ने कहा, दिल्ली मेट्रो के लिए 271 स्टेशन बनाये गये। उन्होंने कहा कि इन स्टेशनों को बनाने के लिए जितने पेड़ काटे गये उनकी तुलना में चार गुना अधिक वृक्ष लगाए गये। उन्होंने कहा कि पिछले पांच साल में देश में 28 मेगावाट सौर ऊर्जा बनाई गई। उन्होंने कहा, वाहनों के प्रदूषण से निबटने के लिए अगले साल तक देश में बीएस-6 मानकों पर बने वाहन एवं ईंधन उपलब्ध कराया जाने लगेगा।
| Tweet |