गुरुवायुर में मोदी ने कहा, केरल मुझे वाराणसी जितना ही प्रिय

Last Updated 08 Jun 2019 03:27:08 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा में भरोसा जताने के लिए मतदाताओं का शुक्रिया अदा करते हुए शनिवार को कहा कि राजनीतिक दल और राजनीतिक पंडित लोकसभा चुनाव से पहले जनता के मूड को भांपने में नाकाम रहे। लोकसभा चुनाव में पार्टी प्रचंड जनादेश के साथ जीतकर सत्ता में आयी है।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

लोकसभा चुनाव में भाजपा की शानदार जीत से दूसरे कार्यकाल के लिये सत्ता बरकरार रखने के बाद अपने पहले सार्वजनिक कार्यक्रम में मोदी ने कहा कि राज्य से कोई सांसद नहीं चुने के बावजूद उन्होंने अपनी पहली यात्रा के लिये केरल को चुना क्योंकि यह भी उन्हें उत्तर प्रदेश में अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी जितना ही प्रिय है।     

हाल में सम्पन्न लोकसभा चुनाव को ‘लोकतंत्र का पर्व’ बताते हुए मोदी ने केरल की जनता की प्रशंसा की और यहां के मतदाताओं के योगदान के लिये उनका धन्यवाद किया।    

उन्होंने कहा कि देश ने देखा है कि चुनाव में ‘जनता भगवान होती है।’     

अपनी पार्टी को चुनने के लिये उन्होंने मतदाताओं का शुक्रिया अदा किया और कहा, ‘‘राजनीतिक पार्टियां और राजनीतिक पंडित लोगों के मूड को भांप नहीं सके। वे (चुनावी) सर्वेक्षण करने में लगे रहे और जनता ने भाजपा को अपना मजबूत जनादेश दे दिया।’’     

उन्होंने कहा हालिया चुनाव ने साबित किया है कि लोगों ने ‘नकारात्मकता’ को खारिज किया और ‘सकारात्मकता’ को स्वीकार किया है।     

लोकसभा चुनाव के बाद अपनी पहली यात्रा के लिये केरल को चुनने पर मोदी ने कहा कि कुछ लोग हैरान हो रहे होंगे कि यहां तो भाजपा का ‘खाता भी नहीं खुला’, फिर भी उन्होंने दक्षिणी राज्य को क्यों चुना।     

उन्होंने कहा, एक चुना हुआ नेता सर्वमान्य होता है।     

मोदी ने कहा, ‘‘लोकतंत्र में चुनाव का अपना स्थान होता है और यह जीतने वाले की जिम्मेदारी होती है कि वह 130 करोड़ लोगों का ख्याल रखे। जिन लोगों ने हमें जिताया है या जिन लोगों ने ऐसा नहीं किया है, दोनों हमारे अपने (लोग) हैं। केरल वाराणसी जितना ही मुझे प्रिय है।’’     

प्रधानमंत्री ने कहा कि भाजपा सिर्फ चुनावी राजनीति के लिये काम नहीं करती, बल्कि वह देश निर्माण के लिये प्रतिबद्ध है और यह सुनिश्चित करना चाहती है कि अंतरराष्ट्रीय जगत में भारत को उसका गौरवपूर्ण स्थान मिले।     

निपाह विषाणु के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि केंद्र सभी जरूरी सहायता उपलब्ध कराने के लिये केरल सरकार के साथ ‘कंधे से कंधा मिलाकर’ काम कर रहा है।

भाषा
गुरुवायूर (केरल)


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