नकारात्मक सोच को लेकर बना है महागठबंधन : जेटली

Last Updated 17 Mar 2019 06:10:59 PM IST

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने रविवार को आरोप लगाया कि विपक्ष के महागठबंधन के पास कोई सकारात्मक कार्यक्रम नहीं है और इसमें शामिल दल सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सत्ता से हटाने की नकारात्मक सोच को लेकर एक हुये हैं।




वित्त मंत्री अरुण जेटली

जेटली ने फेसबुक पर एक ब्लॉग में लिखा है कि देश को यदि मौजूदा विकास की रफ्तार बनाये रखनी है तो उसे स्थिर सरकार की जरूरत होगी और पिछले अनुभव बताते हैं कि गठबंधन की सरकारें ज्यादा दिन टिक नहीं पातीं। उन्होंने महागठबंधन को महामिलावटी गठबंधन करार देते हुये लिखा ‘‘महामिलावटी गठबंधन के सदस्यों में कुछ समानताएँ भी हैं। उनका कोई सकारात्मक कार्यक्रम नहीं है। वे नकारात्मकता पर सवार हैं और उनका एकमा लक्ष्य एक व्यक्ति को पद से हटाना है।’’

उन्होंने लिखा है कि महागठबंधन के अधिकतर राजनीतिक दल वंशवादी हैं। कुछ पर पहली पीढ़ी का नियांण है तो कुछ पर अगली पीढ़ियों का। इन दलों में कोई आंतरिक लोकतां नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया है कि इन दलों के शीर्ष नेताओं या वरिष्ठ सदस्यों पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं। उनके आदर्श तथा दर्शन अलग-अलग हैं।

वित्त मंत्री ने कहा है कि हम इतिहास के उस मोड़ पर खड़े हैं जहाँ देश और देशवासियों को चुनना होगा कि वे छह महीने की सरकार चाहते हैं या पाँच साल की। वे अच्छा काम करने वाला नेता चाहते हैं या बिना नेता वाला झुंड? उन्हें विकास को गति देने और गरीबी हटाने वाली सरकार चाहिये या खुद को अमीर बनाने में महारत रखने वाले लोगों से बनी सरकार?

उन्होंने लिखा है आज देश दुनिया में सबसे तेज गति से आर्थिक विकास कर रहा है। राजस्व संग्रह बढ़ रहा है और हम गरीबों को बेहतर जिंदगी देने के लिए संसाधनों का आवंटन करने में सक्षम हैं। यदि अगले दो दशक तक विकास की यही गति चलती रही तो भारत एक अलग श्रेणी में जगह बना लेगा। लेकिन, इसके लिए राजनीतिक स्थिरता, स्पष्ट राजनीतिक दिशा तथा मजबूत एवं निर्णय लेने वाला नेतृत्व चाहिये। यदि यह सब नहीं हुआ तो हम देश के लोगों और आने वाली पीढ़ियों को कमजोर बना देंगे।



जेटली ने गठबंधन वाली अटल बिहारी वाजपेयी सरकार का भी बचाव किया है। उन्होंने कहा है कि उस सरकार में भी भारतीय जनता पार्टी बहुत बड़ी पार्टी थी और श्री वाजपेयी गठबंधन के निर्विवाद नेता थे। वहीं, मौजूदा महागठबंधन में कम से कम चार लोग खुलकर नेतृत्व की दावेदारी पेश कर रहे हैं। इनमें कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी, तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी, बहुजन समाजवादी पार्टी की मुखिया सुश्री मायावती और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार शामिल हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि इन सबका अपना-अपना हित है तथा वे दूसरे को कमजोर कर स्वयं शीर्ष पर पहुँचना चाहते हैं।

वार्ता
नयी दिल्ली


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