संसद के दोनों सदनों में हंगामा, कार्यवाही बाधित

Last Updated 11 Feb 2019 11:50:32 AM IST

लोकसभा में सोमवार को अलग-अलग मुद्दों पर कांग्रेस, तेलुगूदेशम पार्टी (तेदेपा) और तृणमूल कांग्रेस ने जमकर हंगामा किया। हंगामे के कारण प्रश्नकाल नहीं हो सका और सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित करनी पड़ी।




सदन की कार्यवाही सुबह 11 बजे जैसे ही समवेत हुई, कांग्रेस, तेदेपा और तृणमूल के सदस्य अध्यक्ष के आसन के समीप पहुंचकर नारेबाजी करने लगे। अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदस्यों को अपनी-अपनी सीट पर जाने का आग्रह किया, लेकिन वे नहीं माने।

हंगामे के बीच ही महाजन ने प्रश्नकाल शुरू किया और मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने भारतीय जनता पार्टी के गणेश सिंह और समाजवादी पार्टी के धर्मेन्द्र यादव के कुछ पूरक प्रश्नों का उत्तर भी दिया, लेकिन सदस्यों का हंगामा जारी रहा। अंतत: अध्यक्ष ने कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी।

कांग्रेस के सदस्य कर्नाटक में विधायकों की कथित खरीद फरोख्त के प्रयासों के खिलाफ हाथों में तख्तियां लिये नारेबाजी कर रहे थे। तख्तियों पर लिखा था- ‘से नो टू मनी पॉलिटिक्स’ और ‘से नो टू पॉलिटिकल हॉर्स ट्रेडिंग।’

तेदेपा के सदस्य आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने की अपनी पुरानी मांग को लेकर हंगामा कर रहे थे, तो तृणमूल के सदस्य प्रवर्तन निदेशालय और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के दुरुपयोग को लेकर शोर-शराबा कर रहे थे।

सुबह प्रश्नकाल शुरू होने से पहले ही कांग्रेस के सदस्य के सी वेणुगोपाल ने कर्नाटक में भाजपा के ‘ऑपरेशन लोटस’ का जिक्र करते हुए केंद्र सरकार पर कुमारस्वामी सरकार गिराने का आरोप लगाया। महाजन ने प्रश्नकाल के बाद यह मुद्दा उठाने देने का आश्वासन दिया, लेकिन कांग्रेस सदस्य उनके इस आश्वासन को अनसुना करते हुए अध्यक्ष के आसन के समीप पहुंच गये थे।

हंगामे की भेंट चढ़ी राज्यसभा की कार्यवाही

उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में जहरीली शराब से कई लोगों की मौत सहित विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण सोमवार को राज्यसभा की बैठक एक बार के स्थगन के बाद दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई।        

हंगामे की वजह से उच्च सदन में आज भी शून्यकाल, प्रश्नकाल और राष्ट्रपति अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा तथा अन्य विधायी कामकाज नहीं हो पाया।         

उच्च सदन की बैठक शुरू होने पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। इसके बाद आसन की अनुमति से केंद्रीय जनजातीय मंत्री जुएल ओराम ने संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (तीसरा संशोधन) विधेयक 2019 पेश किया। अरूणाचल प्रदेश की अनुसूचित जनजातियों की सूची में कुछ और समुदायों को शामिल करने के लिए संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश, 1950 में संशोधन की खातिर यह विधेयक लाया गया है।         

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अनिवासी भारतीय विवाह पंजीकरण विधेयक 2019 पेश किया।         

इसी बीच तेदेपा के सदस्य आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग करते हुए आसन के समीप आ गये। कांग्रेस के सदस्यों ने भी अपने स्थानों से ही नारेबाजी शुरु कर दी। शोरगुल के कारण कांग्रेस सदस्यों की मांग को नहीं सुना जा सका।          

कुछ सदस्यों ने विधेयक पेश किए जाने पर आपत्ति जताई। इस पर सभापति ने कहा कि इन विधेयकों को अभी केवल पेश किया जा रहा है।          

सदन में सपा और बसपा के सदस्यों ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में जहरीली शराब से कई लोगों की मौत का मुद्दा उठाते हुये इस पर चर्चा कराने की मांग की। तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने अपने एक विधायक की हत्या का मुद्दा उठाया।          

दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाने के बाद नायडू ने कहा कि उन्हें नियम 267 के तहत विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के लिए नोटिस मिले हैं लेकिन उन्होंने इन्हें स्वीकार नहीं किया है।      उन्होंने सदस्यों से शांत रहने और कार्यवाही चलने देने की अपील की। बहरहाल, हंगामा थमते न देख नायडू ने 11 बज कर करीब दस मिनट पर सदन की बैठक दोपहर दो बजे तक के लिये स्थगित कर दी।          

एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे सदन की बैठक शुरू होने पर उपसभापति हरिवंश ने सूचित किया कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद मंगलवार को सुबह दस बजे संसद के केन्द्रीय कक्ष में पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी के चित्र का अनावरण करेंगे। उन्होंने इस मौके पर सभी सदस्यों से उपस्थित रहने की अपील की।          

इसके बाद हरिवंश ने भाजपा के भूपेन्द्र यादव से राष्ट्रपति अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर आगे चर्चा शुरु करने के लिये कहा। लेकिन इसी बीच विभिन्न विपक्षी दलों के सदस्य अपने अपने मुद्दों पर चर्चा की मांग करने लगे।          

उपसभापति ने कहा कि सभापति ने विभिन्न मुद्दों पर चर्चा कराने के लिये नियम 267 के तहत दिए गए सभी नोटिस अस्वीकार कर दिये। ऐसे में वह सभापति की अनुमति के बिना किसी भी विषय को उठाने की अनुमति नहीं दे सकते। तब तृणमूल कांग्रेस के सुखेन्दु शेखर राय ने व्यवस्था का प्रश्न उठाने की मांग की। लेकिन उपसभापति ने सदन में व्यवस्था नहीं होने के कारण राय को यह प्रश्न उठाने की अनुमति नहीं दी।          

हंगामे के बीच उपसभापति ने सदस्यों से अपने स्थान पर जाने और कार्यवाही चलने देने की अपील करते हुये कहा कि कुछ ऐसे मुद्दे उठाये जा रहे हैं जिन पर ना तो नोटिस दिया गया है ना ही इसकी कोई सूचना है। उन्होंने कहा कि कार्य मंत्रणा समिति में सदन की कार्यवाही को सुचारु बनाने पर सहमति कायम होने के बावजूद बैठक को नहीं चलने देना दुर्भाग्यपूर्ण है।          

हंगामा नहीं थमने पर उन्होंने दो बज कर करीब पांच मिनट पर सदन की बैठक दिन भर के लिये स्थगित कर दी। उल्लेखनीय है कि उच्च सदन में विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी दलों के हंगामे के कारण पिछले लगातार छह दिन से बैठक सुचारु रूप से नहीं चल पा रही है।

वार्ता/भाषा
नयी दिल्ली


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