मोदी की नीयत और ईमान पर कोई उंगली नहीं उठा सकता: राजनाथ

Last Updated 09 Feb 2019 03:03:08 PM IST

केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आज विपक्ष पर राफेल सौदे के नाम पर जनता की आंखों में धूल झोंकने का आरोप लगाते हुए कहा कि कोई ऐसा नहीं जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नीयत और उनके ईमान पर उंगली उठा सके।


केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह

सिंह ने यहां अधिवेशन भवन में आयोजित ‘भारत के मन की बात, मोदी के साथ’ कार्यक्रम में बुद्धिजीवियों से संवाद करते हुए कहा, ‘‘मैंने राजनीति में कभी किसी पर मनगढ़ंत आरोप नहीं लगाये हैं और भाषा और शब्दों की मर्यादा का हमेशा ख्याल रखा है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने हमेशा स्वच्छ राजनीति की है। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वर्षों से जानता हूं। हमने मिलकर साथ-साथ काम किया है। उन पर आप अन्य आरोप जो लगाना हो, लगा सकते हैं कि मोदी जी ने काम कम किया, काम अधिक किया या उनको और भी काम करना चाहिए था लेकिन, कोई माई का लाल उनकी नीयत और ईमान पर उंगली नहीं उठा सकता है।’’

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि राजनीति जनता को गुमराह कर और आंखों में धूल डालकर नहीं बल्कि आंखों में आखें डालकर की जानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि मोदी की ईमानदारी पर किसी को कोई शक नहीं है। आखिर वह किसके लिए धन जमा करेंगे।

सिंह ने राजनीति देश और समाज को दिशा देने के लिए होती है लेकिन आज विडम्बना है कि राजनीति अपना अर्थ और भाव दोनों खो चुका है।

उन्होंने कहा कि भगवान राम, श्रीकृष्ण, महात्मा गांधी, सुभाष चन्द्र बोस, चन्द्रशेखर आजाद और भगत सिंह ने भी राजनीति की थी लेकिन जब भगवान राम ने राजनीति की तब उन्होंने एक भिलनी सबरी के जूठे बेर भी खाये। उनके लिए राजनीति ‘भक्ति’ थी। श्रीकृष्ण ने भी राजनीति की, जब महाभारत में अर्धसत्य का सहारा लिया और युधिष्ठिर से कहवाया ‘अश्वत्थामा हतो नरो वा कुंजरो’। श्रीकृष्ण के लिए राजनीति ‘युक्ति’ थी।

भाजपा नेता ने कहा कि इसी तरह महात्मा गांधी और सुभाष चन्द्र बोस के लिए राजनीति ‘शक्ति’ थी देश को आजाद कराने के लिए। वहीं चन्द्रशेखर आजाद, भगत सिंह और खुदीराम बोस के लिए राजनीति ‘मुक्ति’ बन जाती है।

उन्होंने कहा कि आज दुर्भाज्ञ है कि कुछ नेताओं के लिए राजनीति पहले ‘सम्पत्ति’ और बाद में ‘विपत्ति’ बन जाती है।

सिंह ने कहा कि ऐसे नेताओं के कारण समाज और देश को संकटों का सामना करना पड़ता है। आज राजनीति में ऐसे नेताओं के कारण ही विश्वसनीयता का संकट पैदा हो गया है।

उन्होंने कहा कि भाजपा ने इस संकट को चुनौती के रूप में स्वीकार किया है और वह पूरे विश्वास के साथ कह सकते हैं कि नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा इस पर विजय प्राप्त करेगी।

वार्ता
पटना


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