मोदी ने बेरोजगारी पर किया सरकार का बचाव

Last Updated 07 Feb 2019 08:51:15 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेरोजगारी के मसले पर अपनी सरकार का बचाव करते हुये गुरुवार को कहा कि रोजगार के आँकलन की कोई मानक व्यवस्था नहीं है और सिर्फ सात-आठ सेक्टरों के टोकन सर्वे के आधार पर अनुमान लगाया जाता है।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लोकसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के जवाब में विपक्ष के उन आरोपों को खारिज कर दिया जिसमें एक अखबार की रिपोर्ट के हवाले से कहा गया था कि देश में बेरोजगारी चार दशक से ज्यादा के उच्चतम स्तर पर है। उन्होंने कहा, ‘‘रोजगार के लिए 55 साल तक कोई मानक नहीं था। आज 100 सेक्टरों में नयी नौकरियाँ बन रही हैं। उनमें से सात-आठ सेक्टरों में टोकन सव्रे कर अनुमान लगाया जाता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि असंगठित क्षेत्र में 85 से 90 प्रतिशत रोजगार मिलता है जबकि संगठित क्षेत्र में 10 से 15 प्रतिशत रोजगार मिलता है। इस सच्चाई को स्वीकार करना होगा। संगठित क्षेत्र के आँकड़े देते हुये उन्होंने कहा कि सितम्बर 2017 से दिसंबर 2018 के बीच 15 महीने में एक करोड़ 80 लाख लोगों का पैसा पहली बार भविष्य निधि में कटना शुरू हुआ। इनमें 64 प्रतिशत लोगों की उम्र 28 साल से कम है। जाहिर है इनमें अधिकतर पहली बार नौकरी हासिल करने वाले हैं।

उन्होंने कहा कि मार्च 2014 में न्यू पेंशन स्कीम में 65 लाख लोग पंजीकृत थे। अक्टूबर 2018 में उनकी संख्या बढ़कर एक करोड़ 20 लाख पर पहुँच गयी।

उन्होंने सवाल किया,‘‘ क्या यह भी बिना नौकरी के होता है।’’ इसके अलावा छह करोड़ 35 लाख पेशेवर लोग पिछले चार साल में जुड़े हैं। ये वे लोग हैं जो खुद वेतनभोगी नहीं होते लेकिन अपने यहाँ तीन से पाँच लोगों को नौकरी देते हैं।

श्री मोदी ने असंगठित क्षेा के बारे में कहा कि एक अनुमान के अनुसार अकेले परिवहन सेक्टर में एक करोड़ 25 लाख लोगों को रोजगार के नये अवसर मिले होंगे।
 

उन्होंने बताया कि चार साल में 36 लाख ट्रक या वाणिज्यिक वाहन बिके हैं। डेढ़ करोड़ यात्री वाहन और 27 लाख से ज्यादा ऑटो की बिक्री हुई है। उन्होंने कहा, ‘‘ये सारी गाड़ियाँ खरीदने वालों ने शोभा के लिए तो इन्हें नहीं खरीदा होगा। किसी चालक को तो रोजगार मिला होगा, किसी मैकेनिक को तो रोजगार मिला होगा।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि उनके कार्यकाल में देश में मंजूरी प्राप्त होटलों की संख्या में 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। अनुमान है कि इस दौरान पर्यटन क्षेत्र में करीब डेढ़ करोड़ रोजगार के अवसर प्राप्त हुये हैं। इसके अलावा ऐप आधारित टैक्सी सेवा में भी तेजी से वृद्धि हो रही है।



उन्होंने बताया कि मुद्रा योजना के तहत चार करोड़ 25 लाख लोगों को ऋण दिये गये हैं। उन्होंने भी अपना कोई न कोई काम शुरू किया, लेकिन रोजगार के आँकड़ों में ये शामिल नहीं होते। ग्रामीण इलाकों में दो लाख कॉमन सेवा केंद्र खुले हैं और हर केंद्र में तीन से पाँच लोग काम कर रहे हैं।

मोदी ने कहा कि इसके अलावा राजमार्ग, हवाई अड्डों, रेलवे स्टेशनों और मकानों का निर्माण तेजी से हो रहा है। ये भी रोजगार के अवसर देते हैं।

वार्ता
नयी दिल्ली


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