देश को नं-1 बनाना है तो नं-दो खत्म करना होगा: जयंत
नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने सरकार के एक साल पहले किये गये नोटबंदी के फैसले का बचाव करते हुये कहा है कि यदि देश को नंबर-1 बनाना है तो 'नंबर- दो' (काला धन) को खत्म करना होगा.
![]() जयंत सिन्हा (फाइल फोटो) |
सिन्हा ने एक निजी टेलीविजन चैनल पर आज प्रसारित कार्यक्रम में कहा कि नोटबंदी से यदि अर्थव्यवस्था को एक बार झटका लगा भी है तो दूसरी ओर इसके निरंतर लाभ के कारण यह फैसला देश के लिए लाभकारी रहा है. उन्होंने कहा कि वह पूर्व प्रधानमंत्री और जाने-माने अर्थशास्त्री मनमोहन सिंह की इस बात से इत्तेफाक नहीं रखते कि नोटबंदी की वजह से सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में दो प्रतिशत की गिरावट आयी है.
उन्होंने कहा कि लेकिन यदि एक पल के लिए यह मान भी लिया जाये तो एक बार की गिरावट के बदले आर्थिक नजरिये से नोटबंदी के कई निरंतर लाभ हुये हैं. इन लाभों में बढ़ा हुआ कर संग्रह, ऋण दरों में करीब एक प्रतिशत की कमी और ढांचागत निवेश के लिए पूंजी की उपलब्धता शामिल है.
सिन्हा ने कहा कि नोटबंदी से परिसंपत्तियों का वित्तीयकरण हुआ है. लोग पहले अपनी बचत सोना, रियल एस्टेट और तिजोरियों में रखते थे. अब वह बैंकों में आ गया है. उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार का लक्ष्य देश को महान और भारत को विश्व गुरु बनाना है. यदि देश को नंबर-1 बनाना है तो ‘नंबर-दो’ को समाप्त करना होगा.नोटबंदी के बाद जितने नोट प्रतिबंधित किये गये थे, लगभग उतने ही पुराने नोट वापस आने के बारे में सिन्हा ने कहा कि यह अच्छा ही हुआ कि 99 प्रतिशत पुराने नोट बैंकों में जमा हो गये. इससे काला धन की पहचान करने में मदद मिलेगी.
उन्होंने कहा कि बिग डाटा एनालिसिस के जरिये बड़ी मात्रा में नकदी जमा कराने वालों की पहचान की जा रही है.
नकदी रहित अर्थव्यवस्था के बारे में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि नोटबंदी के बाद से प्वाइंट ऑफ सेल (पीओएस) और डेबिट कार्ड का इस्तेमाल दोगुना हुआ है. मोबाइल वॉलिट का इस्तेमाल तीन गुणा हो गया है. साथ ही आईएमपीएस का इस्तेमाल भी बहुत ज्यादा बढ़ा है.
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