हार्दिक ने किया सुरक्षा लेने से इनकार, बताया जासूसी का प्रयास
पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति के नेता हार्दिक पटेल ने गुजरात चुनाव के दौरान अचानक उन्हें पुलिस की ओर से सुरक्षा गार्ड मुहैया कराने को उनकी जासूसी करने का सरकार का प्रयास बताया है.
![]() हार्दिक पटेल (फाइल फोटो) |
हार्दिक ने आज कहा कि उन्होंने सुरक्षा की मांग नहीं की थी पर उनसे बिना पूछे अचानक उनके पास सुरक्षा गार्ड पहुंच गया. उसे मेरी गाड़ी में बैठने के निर्देश दिये गये हैं. यह गुजरात चुनाव में हार के डर से नर्वस बीजेपी सरकार की ओर से मेरी जासूसी का प्रयास है.
हार्दिक ने कहा कि सरकार उन्हें जबरन सुरक्षा नहीं दे सकती और गार्ड को उनके वाहन में नहीं बिठा सकती. यह सुरक्षा नहीं बल्कि उनकी जासूसी करने का प्रयास है. काफी पहले जब एक बार उन्होंने सुरक्षा की मांग की थी तो सरकार ने इंकार कर दिया था पर अब चुनाव में हार के डर से घबरायी बीजेपी उनकी जासूसी के लिए यह हथकंडा अपना रही है.
हार्दिक ने पिछले माह यहां ताज होटल में राहुल गांधी से उनकी कथित गुपचुप मुलाकात का सीसीटीवी फुटेज बाहर आने के बाद भी सरकार पर जासूसी का आरोप लगाया था.
मालूम हो कि राज्य में दिसंबर में होने वाले चुनाव के मद्देनजर पुलिस ऐसे लोगों को सुरक्षा मुहैया करा रही है जिन्हें किसी भी तरह का खतरा हो.
हार्दिक ने कहा कि पुलिस को उनकी बजाय जनता की सुरक्षा की चिंता करनी चाहिए. अगर उनका सुरक्षाकर्मी दूसरे वाहन में बैठे और उसके लिए भोजन आदि की व्यवस्था उनकी जिम्मेदारी न हो तो उन्हें कोई एतराज नहीं.
उन्होंने कहा कि उनके अपने खाने का ठिकाना नहीं है तो ऐसे में वह सुरक्षा गार्ड के खाने की व्यवस्था कहां से करेंगे.
हार्दिक का यह बयान दलित नेता जिग्नेश मेवाणी की ओर से उन्हें भी मुहैया कराये गये सुरक्षा गार्ड को लेकर ऐसा ही बयान दिये जाने के एक दिन बाद आया है.
मेवाणी और हार्दिक दोनों गुजरात विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ बीजेपी के खिलाफ प्रचार कर रहे हैं. दोनों के जल्द ही कांग्रेस को औपचारिक समर्थन की घोषणा करने की संभावना है.
मेवाणी ने हाल में राहुल गांधी से मुलाकात भी की थी और हार्दिक की राहुल से गुपचुप मुलाकात की चर्चाएं भी पिछले दिनों हुई थीं.
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