खाद्य खपत 1000 अरब डालर की होगी
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि देश में खाद्य उत्पादों के उत्पादन से लेकर विपणन तक की पूरी मूल्य श्रृंखला में देशी-विदेशी कंपनियों के लिए निवेश के भारी अवसर उपलब्ध हैं. देश की खाद्य खपत 2025 तक 1,000 अरब डालर पर पहुंच जाएगी.
![]() वैश्विक खाद्य सम्मेलन एवं प्रदर्शनी के समापन समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद. |
राष्ट्रपति ने दिल्ली में रविवार को तीन दिन के वैश्विक खाद्य सम्मेलन एवं प्रदर्शनी के समापन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि यह एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें कारोबार की काफी संभावनाएं हैं. इस क्षेत्र में महिलाओं और बड़ी संख्या में देश की युवा आबादी के लिए रोजगार सृजन की संभावनाएं हैं.
उन्होंने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण पर ध्यान देने से न केवल अनाज की बर्बादी के अस्वीकार्य स्तर को समाप्त किया जा सकेगा बल्कि इससे किसानों की आय को दोगुना करने में भी मदद मिलेगी.
राष्ट्रपति ने कहा, खाद्य एक संस्कृति है, लेकिन इसके साथ ही यह वाणिज्य भी है. भारत की खाद्य खपत या उपभोग अभी 370 अरब डालर है. इसके एक दशक से भी कम यानी 2025 तक 1,000 अरब डालर पर पहुंचने की उम्मीद है.
उन्होंने कहा कि कटाई बाद सुविधाओं, लॉजिस्टिक्स, शीत भंडारण श्रृंखला और विनिर्माण में काफी अवसर हैं. यह घरेलू और विदेशी निवेश आकर्षित करने वाला एक प्रमुख क्षेत्र है. उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर भारतीय खाद्य उत्पादों का बाजार काफी बड़ा है.
यह दक्षिण एशिया के 1.8 अरब लोगों से लेकर तीन करोड़ की प्रवासी आबादी से लेकर दुनिया के अन्य हिस्सों में लाखों करोड़ों लोगों तक फैला है.
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