टेक्निकल एजुकेशन पत्राचार माध्यम से नहीं: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने पत्राचार के जरिये पढ़ाई करने के मामले में आज एक महत्वपूर्ण फैसला दिया. कोर्ट ने कहा कि किसी भी तरह की टेक्निकल एजुकेशन पत्राचार के माध्यम से नहीं दी जा सकती है.
(फाइल फोटो) |
सुप्रीम कोर्ट ने उड़ीसा हाई कोर्ट के उस फैसले को खारिज करते हुए कहा कि किसी भी प्रकार टेक्निकल एजुकेशन दूरस्थ पाठ्यक्रम के माध्यम से उपलब्ध नहीं कराई जा सकती. हाई कोर्ट ने पत्राचार के जरिये टेक्निकल एजुकेशन को सही माना था.
सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला इस लिहाज से अहम है कि आमतौर पर ऐसा देखा जाता है कि दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से पढ़ने की वजह से छात्र को व्यावहारिक ज्ञान या तो होता ही नहीं है या फिर कम होता है.
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से प्रबंधन, मेडिकल, इंजीनियरिंग और फार्मेसी समेत कई अन्य पाठ्यक्रम जो तकनीकी पाठ्यक्रम की श्रेणी में आते हैं अब छात्र इनकी पढ़ाई पत्राचार के माध्यम से नहीं कर पायेंगे.
शीर्ष न्यायालय के इस फैसले से पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के उस निर्णय पर भी अपनी संस्तुति जाहिर की जिसमें कंप्यूटर साइंस में पत्राचार के माध्यम से ली गई डिग्री को नियमित तरीके से हासिल डिग्री की तरह मानने से इंकार कर दिया.
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