डोकलाम विवाद बाद भूटान नरेश 4 दिवसीय भारत दौरे पर
भूटान के डोकलाम क्षेत्र में भारत और चीन की सेनाओं के बीच विवाद खत्म होने के बाद भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक मंगलवार को भारत के चार दिवसीय दौरे पर नई दिल्ली पहुंचे.
भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक (फाइल फोटो) |
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने हवाईअड्डे पर भूटान नरेश शाही जोड़े की अगवानी की. इस दौरान उनके साथ उनकी पत्नी जेत्सुन पेमा वांगचुक और राजकुमार जिग्मे नामग्याल वांगचुक भी हैं.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट किया, "बहुमूल्य दोस्त का विशेष आतिथ्य-सत्कार. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भूटान नरेश, उनकी पत्नी और राजकुमार का स्वागत किया."
विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक, भूटान नरेश बुधवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे. मोदी शाही परिवार के सम्मान में रात्रिभोज आयोजित करेंगे.
उपराष्ट्रपति एम.वेंकैया नायडू, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और अन्य मंत्री भी भूटान नरेश से मुलाकात करेंगे.
बयान के मुताबिक, "भारत और भूटान के बीच अद्भुत दोस्ती है, जो दोनों के बीच गहरी समझ और आपसी विश्वास से झलकती है."
बयान के मुताबिक, भूटान नरेश के इस दौरे से द्विपक्षीय सहयोग के पूरे सार की समीक्षा करने का मौका मिलेगा. इसमें 2018 में दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना के 50 वर्ष पूरा होने के मौके पर जश्न की तैयारियां भी शामिल हैं.
भारत और चीन की सेनाओं के बीच भूटान के डोकलाम में लगभग ढाई महीनों तक विवाद रहा. यह विवाद जून में उस समय शुरू हुआ था, जब चीन की सेना ने भूटान क्षेत्र में सड़क निर्माण करना शुरू कर दिया था. यह विवाद अगस्त में समाप्त हुआ.
इस पूरे मुद्दे पर भारत और भूटान का कहना था कि चीन ने भारत-भूटान-चीन अतंर्राष्ट्रीय तिराहे पर यथास्थिति का उल्लंघन किया है, जबकि चीन का दावा है कि यह उसका क्षेत्र है.
भारत, भूटान का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार देश है. 2016 में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय कारोबार 8,723 करोड़ रुपये रहा, जबकि कुल आयात 5,528.5 करोड़ रुपये और कुल निर्यात 3,205.2 करोड़ रुपये रहा.
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